XE Variant: संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच विशेषज्ञों ने की यह खास अपील



दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट्स की बढ़ती रफ्तार स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का कारण बनी हुई है। हाल ही में सामने आए एक्सई वैरिएंट की संक्रामकता दर अब तक सबसे अधिक बताई जा रही है, रिपोर्ट्स में विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि यह वैरिएंट गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, ऐसे में सभी लोगों को इससे बचाव के उपायों को लेकर गंभीरता दिखानी होगी। भारत में भी इस नए वैरिएंट के अब तक दो मामले सामने आ चुके हैं, हालांकि एक मामले की अभी तक आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की गई है।देश में पिछले दिनों कोरोना के कम होते संक्रमण के बीच मास्क लगाने को लेकर अनिवार्यता हटा ली गई थी। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह की एक्सई वैरिएंट की प्रकृति है, इससे बचाव के लिए मास्क लगाना बहुत आवश्यक है।  स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि मास्क को कोरोनावायरस के सभी प्रकारों के खिलाफ सबसे प्रभावी उपाय माना जा रहा है, ऐसे में देश में मास्क के स्वैच्छिक उपयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए जिससे नए वैरिएंट्स के प्रसार को रोका जा सके। आइए जानते हैं कि विशेषज्ञ इससे बचाव के लिए और किन बातों पर जोर दे रहे हैं।

स्वैच्छिक मास्क को बढ़ावा देना आवश्यक.; कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से राज्य सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर मास्क पहनने की अनिवार्यता और न पहनने पर जुर्माना निर्धारित किया था। हालांकि तीसरी लहर के बाद कम होते मामलों को देखते हुए इस नियम को वापस ले लिया गया है।इस बीच फिर से कई स्थानों पर जिस तरह से संक्रमण की रफ्तार बढ़ती हुई देखी जा रही है, इसे ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों ने लोगों से स्वैच्छिक रूप से एहतियात बरतने की अपील की है। विशेषज्ञों का कहना है कि मास्क पहनकर संक्रमण से बचाव और इसके प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

डब्ल्यूएचओ का अलर्ट: हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने नए एक्सई वैरिएंट को लेकर एक चेतावनी जारी करते हुए इसे अब तक का संभावित सबसे संक्रामक कोरोना वैरिएंट बताया था। अध्ययनों में पाया गया है कि एक्सई वैरिएंट, ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स के संयोजन से उत्पन्न हुआ है जो काफी तेजी से लोगों को संक्रमित कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सार्वजनिक रूप से मास्क के स्वैच्छिक उपयोग को बढ़ावा देना फिलहाल आवश्यक है। इसका प्रसार बढ़ा तो मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?: पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया में प्रोफेसर और लाइफकोर्स एपिडेमियोलॉजी के प्रमुख गिरिधर. आर बाबू कहते हैं, जिस प्रकार की इस वैरिएंट की प्रकृति है ऐसे में मास्क लगाना इसके खिलाफ सबसे प्रभावी उपाय हो सकता है। मास्क के उपयोग के जनादेश की तरह लागू करने की बजाय, मास्क की उपलब्धता और मुफ्त वितरण को बढ़ाकर लोगों से इसके स्वैच्छिक उपयोग की अपील की जानी चाहिए। किसी बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए उससे पहले से बचाव शुरू कर देना जरूरी होता है। कई देशों से प्राप्त हो रहे डेटा चिंता बढ़ाने वाले हैं। 

एक्सई वैरिएंट की संक्रामकता अधिक: मीडिया रिपोर्ट्स में स्वास्थ्य विशेषज्ञ वैश्विक स्तर पर इस समय ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.2 और एक्सई वैरिएंट को तेजी से बढ़ता देख रहे हैं। यह दोनों वैरिएंट्स अपेक्षाकृत अधिक संक्रामकता वाले माने जाते हैं। प्रारंभिक अध्ययनों से संकेत मिलता है कि एक्सई वैरिएंट, ओमिक्रॉन BA.2 से भी 10 प्रतिशत अधिक संक्रामक हो सकता है। साथ ही इसके स्पाइक प्रोटीन में कुछ ऐसे लोप देखे गए हैं जो इसे जांच को चकमा देने के योग्य बनाते हैं। ऐसे में इससे बचाव को लेकर लोगों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है।

कैसे करें नए वैरिएंट्स से बचाव?: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों को स्वत: बचाव के उपायों का पालन करते रहना चाहिए। मास्क पहनना, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर अनावश्यक रूप से जाने से बचना, हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखना और वैक्सीनेशन, कोरोना से बचाव के प्रभावी उपाय हो सकते हैं, जिसका सभी लोगों को लगातार पालन करते रहना चाहिए। संक्रमण को बढ़ने से रोकने में यही उपाय मदद कर सकते हैं।