भोपाल में फारेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनेगी
अमित शाह बोले अब अंग्रेजों के जमाने की डंडे वाली नहीं नॉलेज बेस्ड पुलिसिंग करनी होगी
भोपाल। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भोपाल में दो दिवसीय अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अब अंग्रेजों के जमाने की डंडे वाली नहीं नॉलेज बेस्ड पुलिसिंग करनी होगी। अब तर्क वाली पुलिसिंग करनी होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि भोपाल में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनेगी। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कोरोना काल में पुलिस का नया चेहरा सामने आया। देशभर में पुलिस की अब वाहवाही होती है। 2,712 पुलिसकर्मियों ने कोरोना काल में ड्यूटी पर अपने प्राण न्योछावर कर दिए, मैं उन सभी को श्रद्धांजलि देता हूं। अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस का पुलिसिंग में अहम योगदान है। संविधान बनने के बाद से अब तक पुलिस के सामने कई चुनौतियां आई हैं। पुलिस को अपराधी से 2 कदम आगे रहना होगा। इसके लिए पुलिस को आधुनिक होना होगा। टेक्नोसेवी बनना होगा। अमित शाह ने कहा कि पिछले 8 साल में जब नरेंद्र मोदी की सरकार बनी, तब कुछ अहम समस्याएं बनी हुई थी। जिसे इस सरकार ने वैज्ञानिक और प्रैक्टिकल तरीके से हल किया। इसमें कश्मीर मामला, नक्सलवाद ओर नॉर्थ ईस्ट में ड्रग्स और हथियार का मसला मुख्य था। कार्यक्रम के दौरान विमोचित पांच रिसर्च रिपोर्ट पर गृहमंत्री ने कहा कि इसकी समरी बनाकर सभी राज्यों को अपने एसपी स्तर से फील्ड स्तर के जमीन पर काम करने वाले अधिकारियों को देना चाहिए। तभी इस रिसर्च की सार्थकता साबित होगी।
नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी भोपाल में बनेगी
शाह ने कहा कि साइंस फॉर पुलिस के अंतर्गत भी मॉडर्नाइजेशन के काम किए जा रहे हैं। नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनाई जा रही है। 6 राज्यों में खुल गई है। भोपाल में भी यूनिवर्सिटी खुलने वाली है। एविडेंस बेस्ड पुलिसिंग में सुधार किए जाएंगे। डायरेक्टर प्रॉसिक्यूशन के इंस्टीट्यूशन को इफेक्टिव बनाना जरूरी है। बैक टू बेसिक जाना होगा, बीट पेट्रोलिंग पुलिस को लोगों से जोड़ने का काम करती है। नए अधिनियम, नए संशोधन किए गए है, उन्हें भी लागू किया जाएगा। सीआरपीसी, आईपीसी, एविडेंस एक्ट में भी सुधार ला जा रहे है। प्रोसेस और परफेक्शन, पैशन का संचार पुलिस बल में नीचे तक लाया जाएगा ताकि सुधार हो।
स्मार्ट पुलिस की संकल्पना को साकार करना होगा
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन की घोषणा की गई है। यह राज्यों की पुलिस तक पहुंचाई जाएगी। देशभर में एक ही प्रकार की पुलिसिंग टेक्नॉलेाजी का विकास किया जाएगा। पुलिस साइंस के दो पहलू है। पहला साइंस फार पुलिस और दूसरा साइंस ऑफ पुलिस इन दोनों पर ध्यान देने की जरूरत है। पुलिस का मॉडर्नाइजेशन, टेक्नोलॉजी से अपडेट करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इससे ही स्मार्ट पुलिस की संकल्पना चरितार्थ हो सकती है। 16 हजार से ज्यादा पुलिस स्टेशन ऑनलाइन हो चुके है। पुलिस टेक्नोलॉजी में जो सुधार किए गए हैं, उसे लोगों तक पहुंचना बहुत जरूरी है। सीसीटीएनएस की सभी सेवाओं को हर थाने की ट्रेनिंग का पार्ट बनाना होगा, डेटाबेस बनाकर ये जल्द ही हर राज्य के थाने तक पहुंचाकर लोगों तक पहुंचाया जा सके।