एनटीपीसी संजीवनी चिकित्सालय में डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज गंभीर, हिन्द मजदूर सभा ने की उचित कार्यवाही की मांग




काल चिंतन संवाददाता

शक्तिनगर,सोनभद्र। जब डॉक्टर ही गलती करने लगे और इलाज के लिए गए मरीज राहत के बजाय गंभीर अवस्था में पहुंच जाएं तो सवाल उठना लाजमी है। मरीज के गंभीर होने का अंदेशा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि संजीवनी चिकित्सालय से रेफर होने के बाद वाराणसी ट्रामा सेंटर से एयर एंबुलेंस के सहारे हैदराबाद अपोलो अस्पताल भर्ती कराना पड़ा। पूरा मामला एनटीपीसी शक्तिनगर के संजीवनी चिकित्सालय से जुड़ा हुआ है, जहां डॉक्टरों की लापरवाही से कर्मचारी पुत्री की हालत और ज्यादा बिगड़ गई। हिंद मजदूर सभा के प्रांतीय मंत्री एवं परियोजना महामंत्री एसके सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय ऊर्जा मंत्री व उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर मामले की जानकारी देते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की है। 

विगत 23 फरवरी को एनटीपीसी कर्मचारी निर्मला देवी ने अपनी पुत्री को डिलीवरी के लिए संजीवनी चिकित्सालय में भर्ती कराया था, जहां चिकित्सालय के डॉ दिव्या कलश जैन एवं डॉ बृजेश जैन द्वारा ऑपरेशन किया गया, लेकिन रात में अचानक मरीज की हालत बिगड़ने लगी तो परिजनों ने उपस्थित अस्पताल कर्मचारियों से डॉक्टर को बुलाने की मांग की पर डॉक्टर नहीं आए, जिससे मरीज की हालत और ज्यादा गंभीर हो गई। मामला बिगड़ते देख संजीवनी चिकित्सालय डॉक्टरों ने मरीज को वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। मरीज की हालत में फिर भी कोई सुधार ना होते देख 25 फरवरी को एयर एंबुलेंस के मदद से हैदराबाद की अपोलो चिकित्सालय में भर्ती कराया गया।हैदराबाद अपोलो चिकित्सालय में इलाज के दौरान पता चला कि गलत इलाज के कारण मरीज की दोनों किडनी प्रभावित हो गई है और मरीज की जिंदगी बचाने के लिए किडनी ट्रांसप्लांट के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। मरीज की स्थिति गंभीर होने के कारण सुधार का इंतजार किया जा रहा है। एनटीपीसी संजीवनी चिकित्सालय के डॉक्टरों द्वारा इस घोर लापरवाही की सूचना मिलने पर कर्मचारियों सहित श्रमिक संघ प्रतिनिधियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।एनटीपीसी एचएमएस महामंत्री एसके सिंह ने परियोजना चिकित्सालय के डॉक्टरों की घोर लापरवाही पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रबंधन से मांग की है कि उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर जांच कराई जाए एवं दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित किया जाए। साथ ही चिकित्सकों द्वारा घोर लापरवाही के मामले में उनका लाइसेंस रद्द करते हुए डिग्री जप्त किया जाए। एनटीपीसी प्रबंध से मांग किया है कि पीड़िता को न्याय दिलाते हुए संपूर्ण इलाज के खर्च एवं मानसिक क्षति की पुर्ती की जाए, जिससे निकट भविष्य में इस तरह की घोर चिकित्सीय लापरवाही दोहराई ना जा सके। यदि प्रबंधन उक्त प्रकरण पर गंभीरता से विचार नहीं करता है तो हम सभी श्रमिक पदाधिकारी आंदोलन को बाध्य होंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी एनटीपीसी प्रबंधन की होगी।एनटीपीसी सिंगरौली जनसंपर्क अधिकारी रिंकी गुप्ता ने बताया कि संबंधित विभाग मामले की जांच कर रहा है और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एनटीपीसी प्रबंधन कर्मचारी पुत्री की गंभीर स्थिति को लेकर चिंतित है और पीड़ित पक्ष के साथ लगातार संपर्क में हैं। पूरे प्रकरण में जो कोई भी दोषी मिलेगा उस पर उचित जांच कर कार्रवाई की जाएगी।