व्हीपीआर कंपनी में दो स्कैनिया वाहन आपस में टकराये, चालक घायल, घंटों चला बवाल




काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली। सिंगरौली। एनसीएल जयंत कोयला खदान में ओबी हटाने का कार्य कर रही व्हीपीआर कंपनी में मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात दो स्कैनिया वाहनों में जोरदार टक्कर हो गयी जिससे एक वाहन का चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को नेहरू शताब्दी चिकित्सालय से वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया। फिलहाल वाराणसी में घालय का इलाज चल रहा है। 

दुर्घटना के पश्चात घायल के परिजन तथा कंपनी के अन्य कर्मचारियों द्वारा जोरदार प्रदर्शन किया गया। घायल को बेहतर उपचार कराने, पुराने वर्कर को रखने, ड्यूटी टाइम में ब्रेक देने , खराब हो चुकी गाड़ियों को मेंटेनेंस करने सहित वर्करों ने माइंस एक्ट के तहत दी जाने वाली सुविधा देने कि मांग की। इस दौरान लगभग चार घंटे तक एनसीएल का कार्य प्रभावित रहा। घटना की सूचना पर पहुंची मोरवा पुलिस ने  लोगों को समझाईस देकर माइंस में रूके कार्य को प्रारंभ कराया। इससे पहले कंपनी प्रबंधन एवं वर्करों के बीच कई चक्र की वार्ता की गयी जिसमें मांगों पर सहमति बन पायी। घायल चालक का नाम संतोष बताया जा रहा है। जिसका उपचार वाराणसी में चल रहा है। घायल की स्थिति फिलहाल स्थिर बतायी जा रही है। ओवरबर्डन रिमूवल में लगी सकैनिया वाहन का ब्रेक फेल हो जाने से यह हादसा पेश आया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सकैनिया चालक जयंत खदान के ईस्ट सेक्शन के टॉप से मिट्टी लोडकर वाहन को नीचे उतर रहा था कि अचानक का ब्रेक फेल हो गया और वह सामने जा रही दूसरी स्कैनिया के पीछे डाला से टकरा गया। जिसमें चालक संतोष कुमार निवासी चुरकी बुरी तरह घायल हो गया।खदान में हुई इस टक्कर के बाद चालक घायल अवस्था में केबिन में फंसा रहा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार खदान के दुर्गम क्षेत्र होने के कारण वहां मदद पहुंचने में समय लग गया। सूचना मिलने के बाद बचाव दल करीब डेढ़ घंटे बाद वहाँ पहुंचा और कड़ी मशक्कत के बाद चालक को केबिन से बाहर निकाला जा सका। जिसे उपचार हेतु चिकित्सालय ले जाया गया परंतु हालत गंभीर देख चिकित्सकों द्वारा उसे बनारस के लिए रेफर कर दिया गया, जहां उसका इलाज अभी जारी है। ओबी रिमूवल के कार्य में लगे चालकों का मानना है कि अधिकांश ओवर बर्डन रिमूवल में लगी कंपनी द्वारा सर्वे ऑफ वाहनों से कार्य लिया जा रहा है। जिनका समय पर रखरखाव भी नहीं होता, न ही प्रबंधन द्वारा इसकी जांच की जाती है। यही कारण है कि खदान में आए दिन वाहनों की दुर्घटना पेश आती है।इसे एनसीएल के अधिकारियों की लापरवाही कहें या सुरक्षा मानकों की अनदेखी। मात्र एक दिन पूर्व बीना के वर्कशॉप में लगी आग के बाद अगले दिन जयंत खदान का यह हादसा दर्शाता है की खदान क्षेत्र में कार्य कर रहे श्रमिकों की सुरक्षा महज़ कागजों तक सीमित रह गई है।

देर रात खदान क्षेत्र में हुई इस घटना के बाद चालक को इलाज हेतु बनारस रेफर कर दिया गया परंतु इसी बीच यह अफवाह उड़ा दी गई की बनारस पहुंचने के दौरान चालक की मौत हो गई है। इसके बाद वहां कार्य में लगे श्रमिक आक्रोशित हो गए। सभी ने कार्य बंद कर प्रबंधन के खिलाफ अपना रोष जताया। दोपहर बाद सही जानकारी होने पर स्थिति सामान्य हुई।