पत्रकार संगठन आईएफडब्ल्यूजे सिंगरौली ने महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा
सीधी में पत्रकार व रंगकर्मियों के साथ अमानवीय बर्ताव करने वाले पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त करने, पत्रकर सुरक्षा कानू लागू करने की हुयी मांग
वैैढ़न,सिंगरौली। सीधी में विधायक के विरोध में प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों तथा रंगकर्मियों कों सीध्ीा पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर उनके साथ मारपीट की गयी तथा अर्धनग्र तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया में वायरल की गयी। सीधी पुलिस द्वारा पत्रकारों तथा रंगकर्मियों के साथ अमानवीय व्यवहार करने के विरोध में पत्रकार संगठन इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन जिला इकाई सिंगरौली ने सोमवार दोपहर महामहिम राज्यपाल मध्य प्रदेश को सम्बोधित एक ज्ञापन जिला कलेक्टर सिंगरौली श्री राजीव रंजन मीणा को सौंपा है।
प्रदेश अध्यक्ष सलमान खान व प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव के निर्देशन में जिलाध्यक्ष अजय द्विवेदी की अगुवाई में ज्ञापन सौंपते हुये आईएफडब्ल्यूजे ने कहा है कि सीधी जिले में भाजपा विधायक के खिलाफ खबरें लिखने पर पत्रकार को थाने में बंद करने और कपड़े उतार कर उत्पीड़न एवं अमानवीय बर्ताव करने तथा थाना प्रभारी के कक्ष में अर्धनग्न अवस्था में फोटो खींचकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने का मामला सामने आया है सीधी पुलिस का यह कृत्य घोर निंदनीय, अमानवीय और बर्बरता पूर्ण है। सत्ता के द्वारा पुलिस के आतंक के बल पर शासन प्रशासन के खिलाफ व सत्ता नसीनो की नाकामियों या फिर जनविरोधी नीतियों को उजागर करने वालों और सवाल पूछने वालों को फर्जी मामलों में गिरफ्तार कर चुप कराया जा रहा है। मध्य प्रदेश और देश में पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती हिंसा दमन और फर्जी आपराधिक प्रकरणों ने मीडिया की आजादी को बड़ा खतरा पैदा कर दिया है । कनिष्क तिवारी ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो जारी कर अपनी आपबीती बताई है जिसमें बताया कि वह बीते शनिवार शाम को कोतवाली के बाहर रंगकर्मी नीरज कुंदर की रिहाई और सरकार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन खबर कवरेज करने गए थे तभी पुलिस कर्मी प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ उन्हें भी थाने ले गए। आरोप है कि सामाजिक मुद्दों को लेकर कई बार खबरों के जरिए उन्होंने सीधी विधायक को घेरा था, उनसे सवाल किए थे इसीलिए पुलिस उन्हें पकड़ कर जबरन थाने ले गई।
पत्रकार संगठन आईएफब्ल्यूजे ने मांग किया है कि सीधी जिले के पत्रकार कनिष्क तिवारी के साथ क्रूरता और अमानवीयता करने वाले थाना प्रभारी समेत घटना के समय ड्यूटी पर तैनात रहे समस्त पुलिसकर्मियों के विरुद्ध अपराधिक मामला पंजीबद्ध कर उन्हें शासकीय सेवा से बर्खास्त करने की कार्यवाही की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो। पत्रकार को उसकी मानहानि का उचित मुआवजा दिलाया जाए । इस पूरी घटना की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराई जाए साथ ही धमकाने वाले थाना प्रभारी के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाए ताकि यह कार्यवाही एक नजीर बन सके । स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मीडिया को कानूनी संरक्षण प्रदान करने के लिए सरकार प्रोटेक्शन कानून को लागू किया जाए, पत्रकारों के खिलाफ प्राप्त होने वाली शिकायतों की वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की कमेटी से जांच कराने के बाद ही आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया जाए। इस दौरान जिलाध्यक्ष अजय द्विवेदी, महासचिव नीरज पाण्डेय, जिला उपाध्यक्ष राजेन्द्र अग्रहरी, जिलाउपाध्यक्ष अमित पाण्डेय, विनय यादव, राघवेन्द्र सिंह गहरवार, आशीष तिवारी सहित तमाम पत्रकार साथी मौजूद रहे।