महिलाओं को फ्री सफर करवाने के बाद घाटे में नहीं चल रही डीटीसी, हर माह इतने करोड़ का हो रहा मुनाफा
नई दिल्ली. दिल्ली परिवहन निगम की बसों में अब महिलाओं का सफर ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए प्रयास और तेज किए गए हैं. केजरीवाल सरकार जहां महिलाओं को मुफ्त सफर मुहैया करा रही है. वहीं, इन बसों में सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन लगाकर यात्रा को ज्यादा सुरक्षित बनाने का काम भी कर रही है. अब तक डीटीसी की 3,697 बसों में सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन लगाए जा चुके हैं. इतना ही नहीं, दिल्ली सरकार डीटीसी बसों में मार्शलों की तैनाती पर भी पूरा फोकस किए हुए है. अब तक डीटीसी बसों में 9,181 मार्शल तैनात किए जा चुके हैं. डीटीसी बसों में मार्शलों की तैनाती के लिए प्रति माह 13.06 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.इस बीच देखा जाए तो केजरीवाल सरकार भले ही महिलाओं को डीटीसी बसों में फ्री सफर की सुविधा मुहैया करा रही हो. बावजूद इसके वह घाटा नहीं उठा रही है. बताया जाता है कि घाटे में चलने वाली डीटीसी मुनाफे में चल रही है. डीटीसी को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2.32 करोड़ रुपये की बचत हुई है. सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में महिला यात्रियों को मुफ्त यात्रा प्रदान करने पर 114.86 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
प्रति किमी परिचालन पर आती है 106 रुपये की लागत
आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 में डीटीसी को कुल आय 454.42 करोड़ रुपये हुई थी. वित्तीय वर्ष 2020-21 में डीटीसी बसों पर प्रति किलोमीटर परिचालन की लागत भी 106 रुपये थी. वहीं, वित्तीय वर्ष 2020-21 में ईंधन पर प्रतिमाह 28.63 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. बताया जाता है कि डीटीसी बेड़े में 3,762 बसें हैं, जिनमें से 3,760 सीएनजी बसें हैं. जबकि दो इलेक्ट्रिक बसें भी दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रही हैं.
हर माह बसों के परिचालन पर होता है 167.49 करोड़ का खर्चा
डीटीसी ने अपने कर्मचारियों के वेतन और बकाया सहित अपनी बसों को चलाने के लिए मासिक रूप से लगभग 167.49 करोड़ रुपये खर्च करती है. डीटीसी ने अपनी बसों के चालकों और कंडक्टरों के वेतन पर 53.12 करोड़ रुपये मासिक खर्च किए हैं. ड्राइवरों के वेतन पर 32.68 करोड़ रुपये और कंडक्टरों के वेतन पर 20.44 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. बीते वित्त वर्ष की बात करें तो डीटीसी में कुल 7,715 स्थायी कर्मचारी हैं जबकि कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों की संख्या 22,809 है.