कभी थी पानी की किल्लत, अब बनासकांठा की महिलाओं ने किया कमाल: पीएम मोदी
नई दिल्ली। गुजरात का बनासकांठा कभी यहां पानी की कि़ल्लत थी, आज दूध की नदियां बह रही हैं. महिलाओं ने कोऑपरेटिव बना कर ऐसे ज़ोरदार प्रयास किए कि आज यहां एक-एक किसान पशुपालन और दूध से 10 लाख महीने तक कमा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बनासकांठा के दियोदर में बनास डेयरी संकुल में महिला लाभार्थियों के साथ बातचीत की. महिलाओं ने पीएम के साथ डेयरी कॉम्प्लेक्स के कारण अपनी प्रगति की कहानियां साझा कीं और बताया कि वे कितनी मात्रा में दूध बेचने में सक्षम हैं और उनकी कितनी कमाई है.
पीएम बोले-75 तालाब बनाएं: उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के गुजरात के सीएम बनने के बाद ही उन्हें ज्योतिग्राम योजना के तहत बिजली मिलने लगी थी. पीएम ने ड्रिप सिंचाई के महत्व और इसके लाभों के बारे में बात की. महिलाओं ने कहा कि जब मोदी सीएम थे तो उन्होंने कहा था कि पानी बचाना चाहिए, अब वे इसका अर्थ समझ गए हैं. पीएम ने गांवों में 75 तालाब बनाने की अपील की.महिलाओं ने कृषि में बनासकांठा की प्रगति के बारे में बताया और यह भी बताया कि यह कई प्रकार की कृषि में कैसे आगे है. कोविड के दौरान सरकार द्वारा दिए गए मुफ्त टीके पर चर्चा करते हुए पीएम ने अपील की कि वे विभिन्न बीमारियों से लड़ने के लिए जानवरों को इसी तरह से टीका लगवाएं.
एक तरह की खेती पर निर्भर न रहें किसान : महिलाओं ने इस मोर्चे पर मिलने वाले सहयोग के बारे में बात की और कहा कि अब जब भी कोई जानवर बीमार होता है तो 30 मिनट के भीतर एम्बुलेंस उन तक पहुंच जाती है. प्राकृतिक खेती के बारे में बात करते हुए, पीएम ने मधुमक्खी पालन के महत्व और लाभों को महिला पशुपालकों के साथ साझा किया. दरअसल पीएम चाहते हैं कि किसान एक तरह की खेती पर निर्भर ना रहे बल्कि विभिन्न तरह की खेती से अपनी आय में इज़ाफ़ा करें और इसलिए पीएम मोदी बार-बार किसानों के साथ बातचीत में इसे साझा भी करते रहते हैं.