ग्रामीण इलाकों में शुद्ध जल के लिए अदाणी फाउंडेशन द्वारा फिल्टर का किया गया नि:शुल्क वितरण




वैढ़न,सिंगरौली। धिरौली कोल प्रोजेक्ट की जद में आने वाले आठ गांवों जिसमें बासी बेरदहा, धिरौली, फाटपानी, अमरई खोह, आमडांड़, झलरी, बेलवार और सिरसवाह शामिल हैं। उक्त ग्रामों को प्रदूषण की समस्या से निजात दिलाने हेतु सार्वजनिक स्थलों की पहचान कर अदाणी फाउंडेशन के सौजन्य से नि:शुल्क वाटर  फिल्टर का वितरण किया जा रहा है। इसकी पहल बुधवार को मझौली पाठ पंचायत अन्तर्गत बासी बेरदहा गांव के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम से किया गया। इस दौरान आंगनवाड़ी केन्द्र, ग्राम पंचायत भवन, सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र और चार अलग-अलग शासकीय विद्यालयों के लिए वाटर  फिल्टर का वितरण किया गया। इस मौके पर स्थानीय ग्रामीणों और मझौली पाठ पंचायत के पूर्व सरपंच रामपाल सेन एवं मझौली पाठ ग्राम पंचायत के सचिव  सुन्दर लाल साह की उपस्थिति में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती गीता सिंह, शासकीय प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक माइकल हलको, शासकीय मध्य विद्यालय, बासी बेरदहा के प्रधानाध्यापक, श्री एलेक्स केरकेट्टा, सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र की ट्रेनर श्रीमती हीरामती सिंह, सैटेलाइट  स्कूल, टिप्सी टांड के शिक्षक राजेन्द्र कुमार सेन और सैटेलाइट  स्कूल, सेरवारी टोला के शिक्षक श्रीपाल शाह के बीच नि:शुल्क वाटर फिल्टर का वितरण किया गया। इन गांवों में शुद्ध पेयजल के स्रोत की कमी और प्रदूषित जल से फैलने वाली बीमारियों जैसे, डायरिया, पेचिश, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए के रोकथाम के लिए अदाणी फाउंडेशन और सीएसआर की टीम ने ऐसे 25 से ज्यादा सार्वजनिक स्थलों की पहचान की है जहां एक सप्ताह के भीतर नि:शुल्क वाटर फिल्टर का वितरण किया जायेगा। इन सुदूर गावों में स्वच्छ पानी के स्रोत की बेहद कमी है और उपलब्ध पानी में कई प्रकार की अशुद्धियाँ जैसे आर्सेनिक, क्लोरीन और टीडीएस की ज्यादा मात्रा पाई जाती हैं। ऐसे में पानी से हानिकारक पदार्थों को साफ करने के लिए वाटर फिल्टर बेहद आवश्यक है जो छोटे स्थानों और गांवों में  भी इस्तेमाल किया जा सकता है जहां बिजली नहीं आती। आज भी छोटे-छोटे गांवों में पीने से पहले पानी को उबालने का चलन है, लेकिन यह केवल बैक्टीरिया को मार सकता है, खतरनाक रसायनों को समाप्त नहीं कर सकता। कहावत है जल ही जीवन है। हर दिन हमें पानी में पाए जाने वाले खतरनाक पदार्थों और धातुओं के बारे में रिपोर्टें मिलती रहती हैं।  ऐसे में स्वास्थ्य की रक्षा के लिए वाटर फिल्टर  के इस्तेमाल को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। यही वजह है कि अदाणी फाउंडेशन ने विभिन्न शासकीय विद्यालयों के साथ-साथ कई अन्य सार्वजनिक स्थलों का चयन किया है जहां नि:शुल्क वाटर फिल्टर लगाया जा सके ताकि स्कूल के बच्चों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी आसानी से स्वच्छ जल मिल सके और उनमें इसके प्रति जागरूकता फैले। ग्रामीणों ने अदाणी फाउंडेशन के इस पहल का जोरदार स्वागत किया है।