वैढ़न,सिंगरौली। आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर कार्यक्रम के तहत बरगवां में स्थित हिंडाल्को महान कम्पनी में तनाव मुक्त जीवन विषय पर कार्यक्रम का आयोजन 24 अप्रैल 2022 को किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में हिंडाल्को महान कंपनी के अरुण मोड (वाइस प्रेसिडेंट), हरेंद्र सिंह (सीनियर मैनेजर), राजर्षि महापात्र (सीनियर मैनेजर) उपस्थित थेद्य साथ ही ब्रह्माकुमारी संस्था के सिंगरौली सेवा केंद्र की क्षेत्रीय संचालिका बी. के. शोभा बहन, भोपाल से पधारी वंदना बहन, सुरेश भाई एवं सिंगरौली की अपर्णा बहन उपस्थित रहेद्य साथ ही कार्यक्रम में हिंडालको कंपनी के सभी अधिकारियों और ग्रहणियों ने भाग लिया। बी.के. शोभा बहन ने तनाव मुक्ति विषय पर प्रशिक्षण देते हुए समझाया कि आज के समय में बढ़ता हुआ तनाव एक गंभीर समस्या का रूप ले चुका हैद्य जिसका प्रभाव समाज के हर वर्ग मे देखने को मिल रहा हैद्य अत: तनाव को पहले स्तर से ही खत्म करना उचित हैद्य जिसके लिए मन प्रबंधन जरूरी है क्योंकि मन से ही तनाव की उत्पत्ति होती हैद्य आगे उन्होंने बताते हुए कहा कि जीवन में जो भी परेशानी या विघ्न आते हैं उसमें हमें तीन मूल्यों को अपनाना बहुत जरूरी है। पहला स्वीकार्यता, दूसरा धेर्यता, तीसरा विश्वास (आत्मविश्वास और परमात्मा विश्वास) अगर हम परिस्थितियों को स्वीकार करते धीरज रखते परमात्मा पर विश्वास करते हैं तो सहज ही हम अपने जीवन के तनाव को खत्म कर सकते हैंद्य साथ ही उन्होंने तनाव मुक्त रहने के लिए कुछ अपने जीवन शैली में थोडा बदलाव लाने के बारे में बताते हुए कहा की पहला परिवर्तन कि सुबह के समय कोई भी नकारात्मक विषय का अध्ययन या चिंतन ना करेंद्य दिन की शुरुआत कुछ लाभदायक विषयों के बारे में ही पढ़े और उसका वर्णन करेंद्य दूसरा परिवर्तन बताया कि हम दोषारोपण ना करें, आज के समय मे हम सभी को दोषारोपण करते हैं और अपने आप को बचाने का पूरा प्रयास करते हैंद्य परंतु इसके कारण बदलाव संभव नहीं हैद्य इसकी जिम्मेदारी हमें ही लेनी है अपने अंदर परिवर्तन करने की और बदलाव करने की। तीसरा परिवर्तन माफ करना और बीती को बिंदी लगाना है। जितना देर हम बातों को पकड़ कर रखते हैं उतना देर हम परेशान रहते हैं इसलिए मन में हमें दूसरों के प्रति बातों की गांठ को बनाकर नहीं रखना है। इन शुभ संकल्पों के साथ अपने जीवन में परिवर्तन लाने का यह निश्चय सभी ने किया। साथ ही हमारे बीच भोपाल से पधारी बी.के. वंदना बहन ने बहुत ही सहजता से हमें समझाया कि हमें कैसे आत्म अनुभूति करते हुए परमात्म अनुभूति कर अपने पुण्य कर्मों की पूंजी जमा करनी हैद्य जिससे हमारे जीवन में आई चुनौतियों का हम सामना कर सकें। बहन ने बताया कि हम शरीर नहीं बल्कि शरीर को चलाने वाली अविनाशी उर्जा है और हमें सकारात्मक ऊर्जा को ही ग्रहण करना है। विचारों का हमारे मस्तिष्क पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है इसलिए हमें जीवन में मूल्यों को धारण कर केवल स्वयं को देखते हुए सकारात्मक उर्जा का ही संचार करना है। कार्यक्रम के अंत में सभी ने अपने जीवन में परिवर्तन का सकल्प लिया एवं 50 से अधिक अधिकारी गणों ने लाभ लिया, सभी अधिकारी गणों एवं उनके परिवारों को टोली देते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।