ज्वालादेवी मंदिर की गुफा का मिट रहा अस्तित्व



सिंगरौली। शक्तिपीठ ज्वालादेवी मंदिर के सामने हेलीपैड मार्ग के समीप प्राचीन गुफा कई रहस्यों को समाहित किए हुए है। ऐसी मान्यता है कि गुफा से निकलने वाले जल के प्रयोग से उदर एवं चर्म रोग से मुक्ति मिलती है। गुफा के पवित्र जल से धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं। बुजुर्गों ने बताया कि प्राचीन गुफा का एक मुख पूर्व में सिगरौली स्टेट के गहरवार राजधानी किले में जाकर खुलता था। जो अब गहरवार गांव रिहंद बांध में जल समाहित हो गया है। बताया जाता है कि जब प्राचीन काल में सूर्य उदय होता था तो गुफा के मुख पर अंधेरा छा जाता था। जैसे ही सूर्य अस्त होने का समय होता था तो गुफा के अंदर काफी दूर तक तेज प्रकाश और चमक फैल जाती थी। गुफा का मुख मां ज्वालामुखी मंदिर के ठीक सामने पश्चिम दिशा में है। परियोजनाओं द्वारा जनित प्रदूषण एवं कोयला खदानों द्वारा किए जाने वाली ब्लास्टिग से गुफा का मुख दब गया है। मंदिर के पुजारी परिवार द्वारा बताया गया कि गुफा के आसपास बड़े पैमाने पर अतिक्रमण व अवैध कब्जा से गुफा का अस्तित्व समाप्त हो रहा है। गुफा के संरक्षण किए जाने की आवश्यकता है।