आज से 18+ को लगेगी बूस्टर डोज, नए रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं, ₹150 से अधिक नहीं होगा सर्विस चार्ज



नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज कल से केवल प्राइवेट सेंटरों में उपलब्ध होगी। इसमें 18 प्लस आयु वर्ग के लोग अधिकतम 150 रुपये का सेवा शुल्क (सर्विस चार्ज) देकर बूस्टर डोज को लगवा सकेंगे।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि निजी कोविड टीकाकरण केंद्र एहतियाती खुराक (बूस्टर डोज) के लिए सेवा शुल्क के रूप में केवल 150 रुपये तक ही चार्ज कर सकते हैं।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में, एहतियाती खुराक को लेकर शनिवार सुबह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों की एक ओरिएंटेशन बैठक हुई, जो रविवार से 18 साल से ऊपर के सभी वयस्कों के लिए उपलब्ध होगी।स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया कि हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिक, सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मुफ्त सहित किसी भी केंद्र पर एहतियाती खुराक प्राप्त करना जारी रखेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि एहतियाती खुराक उसी टीके की होगी, जो पहली और दूसरी खुराक के रूप में दी गई थी।भूषण ने कहा कि एहतियाती खुराक के लिए किसी नए पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि सभी लाभार्थी पहले से ही कोविन पोर्टल पर पंजीकृत हैं।बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि सभी टीकाकरणों को पोर्टल में पंजीकृत किया जाना चाहिए, जबकि निजी टीकाकरण केंद्रों पर ऑनलाइन अपॉइंटमेंट और वॉक-इन पंजीकरण के विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे।निजी सीवीसी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार टीकाकरण साइट बनाए रखेंगे।

भूषण ने कहा, ''वे टीके की लागत से अधिक टीकाकरण के लिए सेवा शुल्क के रूप में प्रति खुराक अधिकतम 150 रुपये ले सकते हैं। एहतियाती खुराक के लिए उसी टीका का इस्तेमाल किया जाएगा, जो पहली और दूसरी खुराक के लिए इस्तेमाल किया गया था।ÓÓभूषण ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल कर्मी, अग्रिम मोर्चों के कर्मी और 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिक सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर निशुल्क टीकाकारण समेत अन्य टीकाकरण केंद्रों पर एहतियाती खुराक ले सकते हैं।राज्यों को 12 वर्ष से अधिक आयु की आबादी को पहली और दूसरी खुराक देने के लिए चल रहा निशुल्क कोविड टीकाकारण अभियान तेज करने की भी सलाह दी गई।डिजिटल माध्यम से हुई इस बैठक में राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों, एनएचएम मिशन निदेशकों और अन्य अधिकारियों के साथ ही अतिरिक्त सचिव (स्वास्थ्य) डॉ. मनोहर अगनानी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।