एनटीपीसी प्रभावित ग्रामों की समस्याओं पर सौंपा गया मांग पत्र



समस्याओं पर संज्ञान ले प्रबंधन: प्रेमसागर मिश्रा

काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली। एनटीपीसी विस्थापित ग्राम तेलगवां, जयनगर, जुवाड़ी, व चंदावल आज  बदहाली का दंश झेलने को मजबूर हो गए हैं उसके कई कारण हैं जिसको लेकर समाजसेवी प्रेमसागर मिश्रा ने एक पत्र यहां की विभिन्न समस्याओं को लेकर एनटीपीसी प्रबंधन को सौंपा है और मांग किया है कि तेलगवां बाजार से जयनगर जुवाड़ी होते हुए चंदावल तक एनटीपीसी लिमिटेड का गर्म जल निकास हेतु कैनाल/ नहर गया है जिसकी सुरक्षा की नजर से किसी प्रकार की कोई भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं है उस पर एनटीपीसी प्रबंधन बाउंड्री वाल का निर्माण करवाएं क्योंकि कई बार बाउंड्री वाल न होने की वजह से कई लोग इस नहर के काल के गाल में समा गए हैं वही दूसरी तरफ पत्र के माध्यम से यह प्रबंधन से अपील की गई की तेलगवां से जयनगर केनाल से लगी रोड पर बड़े-बड़े गड्ढे भी हैं बड़ी बड़ी झाड़ियां भी उग आई है जिसमें साफ सफाई के अलावा इस रोड का निर्माण कराना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि रात के अंधेरे में कई मतर्बा लोग एक्सीडेंट में भी घायल हो जाते हैं साथ ही उन्होंने प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा है कि तेलगवां मुख्य बाजार बैरियर के पास के सामने की तरफ रोड जो धंस गई है उसका शीघ्र निर्माण कराया जाए ताकि कोई बड़ी वारदात होने से लोगबाक बच सके प्रबंधन से अपील की गई कि गर्मी के दिनों में हमेशा की तरह राख उड़ती है जो लोगों के घरों में समा जाती है उससे बचाव हेतु प्रबंधन ठोस रणनीति के तहत कार्य करवाएं इन सब समस्याओं पर प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए समाजसेवी प्रेम सागर मिश्रा ने कहा कि कई बार प्रबंधन को एवं नगर निगम को भी मौखिक तौर से सूचना दी गई यहां की समस्याओं को लेकर लेकिन आज तक समाधान नहीं हो सका है उन्होंने सभी ग्रामीणों की तरफ से प्रबंधन को मांगपत्र सौंपते हुए कहा है कि प्रबंधन इस पर गंभीरता पूर्वक इन समस्याओं पर ध्यान देते हुए तत्काल उक्त समस्याओं का निराकरण करें ।पहले भी देखा गया है एनटीपीसी से सटे विस्थापित ग्राम जहां इन सब समस्याओं को लेकर पहले भी आवाज मुखर की गई है लेकिन आज तक क्या कारण है कि ना तो प्रबंधन और ना ही शासन प्रशासन नगर निगम के लोग यहां के लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे,बहरहाल जो भी हो समस्याएं तो हैं जो इन ग्रामवासियों को भुगतना पड़ रहा है और निश्चित रूप से एनटीपीसी प्रबंधन व सासन प्रशासन ननि को मिलकर इनके निदान पर ठोस   कार्य करने की आवश्यकता है, अब देखने वाली बात है कि ये कब होता है।