कश्मीरी पंडितों पर फारूक का बेबाक बयान:पलायन की वजह दिल्ली में बैठी हुकूमत थी, अगर मैं जिम्मेदार निकला तो कहीं भी फांसी चढ़ा देना



नई दिल्ली। कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर बनी फिल्म कश्मीर फाइल्स इन दिनों सबसे ज्यादा सुखिर्यों में है। हाल की कंट्रोवर्सी के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर फारूक अब्दुल्ला ने इस मुद्दे पर पहली बार बयान दिया है। फारूक ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के पलायन की वजह, तब दिल्ली में बैठी सरकार थी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे इस पलायन के जिम्मेदार निकलते हैं तो जहां चाहे उन्हें फांसी चढ़ा देना।फारूक अब्दुल्ला ने आज तक को दिए इंटरव्यू में कहा-हर कश्मीरी चाहता है कि कश्मीरी पंडित लौटें। 1990 में जो हुआ वो साजिश थी। कश्मीरी पंडितों को साजिश के तहत भगाया गया। उस वक्त जो दिल्ली में बैठे थे, वो इसके लिए जिम्मेदार हैं। मेरा दिल आज भी उन भाइयों के लिए रो रहा है।

फारूक ने पीएम मोदी की तुलना हिटलर से की: कश्मीर फाइल्स पर अब्दुब्ल्ला ने कहा- ये फिल्म दिल जोड़ नहीं रही, तोड़ रही है। इस आग को हम बुझाएंगे नहीं तो ये सारे देश को शोले की तरह जला देगी। मैं वजीरे आजम से कहूंगा कि मेहरबानी करके ऐसी चीजें न करें, जिससे मुल्क में ऐसी सूरत बन जाए जैसी हिटलर के जमाने में जमर्नी की बनी थी। कश्मीरियों का दिल जोड़े बगैर अमन मुश्किल है।

जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल हो: फारूक ने आगे कहा- 370 खत्म हुए कितने साल हुए क्या आतंकवाद खत्म हुआ। क्या बम ब्लास्ट बंद हुए। आपकी इतनी फौज यहां पर है, वे क्यों नहीं रोक सके। जम्मू कश्मीर में अभी भी लोगों की हत्या हो रही है। यहां आज भी कश्मीरी पंडितों के 800 खानदान रह रहे हैं क्या किसी ने उनको हाथ लगाया। पुलवामा के बंशीलाल ने बयान ने दिया है कि मैं यही रहा, मैं नहीं गया, मैं यहां बहुत खुश हूं। बातों-बातों में फारूक ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने को भी कहा।

ईमानदारी से चुना हिंदू सीएम कुबूल है: इंटरव्यू के आखिर में फारूक ने घाटी में हिंदू सीएम बनाए जाने पर कहा- अगर हिंदू सीएम ईमानदारी से चुनकर आता है तो कोई कश्मीरी उंगली नहीं उठाएगा, अगर बेईमानी से आएगा तो हम कुबूल नहीं करेंगे।