इंदौर की आदर्श गौशाला में मिले गायों के कंकाल




जंगल में शवों को जानवर नोच रहे; पिछले साल ही सरकार ने दिए दो करोड़ रुपए, फिर भी बुरे हाल
इंदौर। इंदौर के पास पेडमी में एक आदर्श गौशाला की करीब २१ से अधिक गायें तालाब के पास जंगल में मृत मिली। यहां गायों के अवशेष को कुत्ते, गिद्ध और चील सहित अन्य जंगली जानवर नोच रहे थे। पता चलने पर गौ सेवक संघ से जुड़े लोगों ने बुधवार को यहां जमकर हंगामा किया। साथ ही गौशाला ट्रस्ट के सुपरवाइजर पर केस दर्ज कराया। मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को भी दी गई है। बता दें कि तीन साल पहले ही इस गौशाला को राज्य सरकार ने आदर्श गौशाला का अवार्ड भी दिया था।गौ सेवक संघ के संयोजक मनोज तिवारी ने बताया कि प्रशासन, पशु विभाग और पुलिस कंट्रोल रूम को जंगल में गायों की मृत पड़े होने की सूचना दी, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। बाद में संघ के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता पेडमी चौकी पहुंचे। यहां एसीपी अजय वाजपेयी से बात कर कार्रवाई की गई।
जंगलों में पड़े हैं गायों के शव: मामला खुड़ैल इलाके के पेडमी के जंगलों का है। यहां श्री अहिल्यामाता गौशाला जीवदया मंडल ट्रस्ट गायों की देखरेख करती है। बुधवार को यहां अमावस होने के चलते गौ सेवक संघ के संयोजक मनोज तिवारी और उनके साथी पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें गौशाला के पास पेडमी के जंगलों में कई मवेशियों के शव पड़े मिले।
२०० के करीब गायों के शव जंगल में फेंके: जानकारी के अनुसार अहिल्या माता गौशाला की क्षमता एक हजार गौवंश की है। यहां वर्तमान में २५७ गाय, १४३ बछिया, ११६ बछड़े, ६ नंदी और ११ बैल मिलाकर रिकॉर्ड में ५३३ मवेशी होना बताया गया, जबकि हकीकत में ३५० मवेशी ही मिले। ऐसे में २०० के करीब गायों की मौत होने और उनके शवों को जंगल में फेंकने की बात सामने आ रही है। गौशाला में स्वस्थ गायों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है, उनके लिए शेड बनाए गए है। वहीं बीमार और बूढ़ी गायों को खुले में छोड़ दिया गया है।
रिकॉर्ड में १७ कर्मचारी, लेकिन नजर आते हैं सिर्फ ४-५: गौशाला के रिकॉर्ड के अनुसार यहां गायों की देखभाल के लिए १७ कर्मचारी नियुक्त हैं, लेकिन ग्रामीणों की मानें तो ४ या ५ लोग ही काम करते नजर आते हैं। बाकी जिन लोगों के नाम रिकॉर्ड में दर्ज हैं, उनमें से कई को ग्रामीणों ने यहां कभी देखा ही नहीं है।
सरकार ने दिया था दो करोड़ का अनुदान: गौशाला के रिकॉर्ड के अनुसार यहां बीमार और बुजुर्ग गायों की देखभाल के लिए छोड़ने वाले पहली बार में २००० रुपए की रसीद कटवाते हैं। बाकी खर्च चंदे और सरकार से मिलने वाले फंड से ही चलता है। हालांकि पिछले साल ही राज्य सरकार ने इस गौशाला को दो करोड़ रुपए का अनुदान भी दिया था।
२१ गायों के जियो टैग मिले: इस मामले में पुलिस ने अशोक पुत्र रामदीन पस्तोर निवासी द्वारकापुरी को आरोपी बनाया है। आरोपी पर ४, ६, ९ मध्यप्रदेश गौवंश प्रतिशेध के मामले में केस दर्ज किया गया है। गौ सेवक संघ के मनोज तिवारी ने बताया कि उन्होंने यहां से २१ गाय के जियो टैग बरामद किए हैं, जिन्हें पुलिस के सुपुर्द कर दिया है।