कोयला चोरी का अनोखा तरीका







एनसीएल सिक्योरिटी व पुलिस विभाग की सरपरस्ती में सड़क के किनारे थोड़ा-थोड़ा कोयला रखकर होती है कोयले की चोरी

काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली। कहते हैं कि आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है। जब किसी चीज की लोगों के बीच ज्यादा जरूरत हो जाती है तब उसका खुद ही आविष्कार हो जाता है परन्तु सिंगरौली जिले में कोयला चोरों ने ऐसा अनोखा तरीका इजात किया है जिससे कोयले की चोरी तो होती है परन्तु किसी को इसकी भनक भी नहीं लगती। सिंगरौली जिले में जिस तेजी से कोयले का उत्पादन होता है उसी तेजी से यहां कोयले की हेराफेरी भी होती है। कोयले के काले कारोबार में लिप्त लोग रातो रात करोड़पति बन जाते हैं। 

ताजा मामल एनसीएल जयंत खदान का है कि जहां कोयले की हेराफेरी करने वालों ने एक नया तरीका इजात किया है जिसमें कोल ट्रांसपोर्टर एनसीएल सिक्योरिटी तथा पुलिस विभाग से मिलकर जब खदान से कोयला निकालते हैं तो उसमें से कुछ कोयले की डस्ट रोड के किनारे छोड़ दिया जाता है उक्त कोयला जब एक ट्रक हो जाता है तो जेसीबी मशीन से उसे उठाकर रेलवे के कोल यार्ड में पहुंचा दिया जाता है। उक्त कोयला ट्रांसपेार्टर के हक में जाता है और उक्त कोयले की बड़े पैमाने पर तस्करी होती है। देखने वालों को लगता है कि कोल ट्रांसपेार्ट के दौरान कुछ कोयला रोड पर चला गया होगा और उसे कोई ज्यादा ध्यान नहीं देता परन्तु इसी का फायदा उठाकर कोल ट्रांसपोर्टर एक रात में लगभग ६-७ ट्रक व ट्रैक्टर से कोयला पार कर देते हैं। एक ट्रक कोयले की कीमत बाजार में लाखों रूपये होती है। इस तरह कोयले की हेराफेरी में लगे ट्रांसपोर्टरों द्वारा रातोरात लाखों रूपये का वारा न्यारा कर लिया जाता है। ऐसा भी नहीं कि एनसीएल सिक्योरिटी तथा पुलिस विभाग उक्त गोरखधंधे से अनजान हैं। जिम्मेदारों को इसकी पूरी जानकारी है परन्तु जहां सुविधा शुल्क मिलता है वहां सारे कायदे कानून धरे के धरे रह जाते हंै। 

कोयला चोरी का बड़ा अड्डा बन गया है मेढ़ौली गांव

सिंगरौली। एनसीएल द्वारा मेढ़ौली गांव का भूअर्जन करने के बाद अब मेढ़ौली गांव कोयला चोरी का एक मुफीद स्थान बन गया है। सूत्रों की मानें तो शाम ढलते ही यहां अवैध कोयले का काला कारोबारप्रारंभ हो जाता है। पहले तो ट्रेलर के माध्यम से कोयला यहा डम्प कर लिया जाता है इसके बाद जेसीबी से उक्त कोयले को दूसरे वाहनों में भरकर उसे ठिकाने तक पहुंचाया जाता है। विरान पड़ा मेढ़ौली गांव कोयला चोरों के लिए एक उपयुक्त जगह के रूप में अब उभरकर सामने आया है जहां न कोई देखने वाला है और ना कोई सुनने वाला। रात के अंधेरे में लाखों करोड़ो की कमाई का जरिया बना कोयले का काला कारोबार इस क्षेत्र में खूब फल फूल रहा है और एनसीएल को करोड़ो रूपये की क्षति हो रही है।