तपोवन कॉप्लेक्स विन्ध्यनगर में आयोजित हुआ होली मिलन समारोह




ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय की क्षेत्रीय संचालिका ने बताया होली का आध्यात्मिक रहस्य

काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली। भारत की उर्जा राजधानी सिंगरौली के तपोवन कांप्लेक्स विंध्य नगर में आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर कार्यक्रम के तहत होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया कार्यक्रम के दौरान प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की क्षेत्रीय संचालिका बीके शोभा बहन द्वारा होली का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए होली शब्द के तीन अर्थ बताएं पहला होली अर्थात जो हो गया बीत गया उसका ना तो वर्णन करना है और ना चिंतन करना है दूसरा होली अर्थात शुद्धता, पवित्रता हमें अपने मन को, विचारों को शुद्ध, होली बनाना है तीसरा होली अर्थात परमात्मा की होली अर्थात मैं आत्मा परमात्मा की हो गई इसके साथ साथ दीदी ने बताया उत्सव हमारे लिए एक अलार्म घड़ी की तरह हो गया है कि कोई त्यौहार आता है तब हम उत्साह में रहते हैं और त्योहार गया और फिर से हम निराश और उदास हो जाते हैं जिस प्रकार एक व्यक्ति होता है जो कि अलार्म की आवाज सुनकर अलार्म बंद करके पुन: सो जाता है या फिर अलार्म की आवाज सुनकर सजग हो जाता है किंतु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें अलार्म की आवश्यकता ही नहीं होती ऐसे हमें भी किसी त्योहार का इंतजार ना करते हुए सदा उमंग उत्साह में रहना है हर दिन उत्सव की तरह मनाना है ’ साथ की संबंधों में मधुरता और संस्कार मिलन की रास पर समझाया गया। कार्यक्रम की निरंतरता में भोपाल से पधारी बी.के हेमलता बहन द्वारा होली रंगों का आध्यात्मिक अर्थ बताया गया नीला रंग शांति ,हरा रंग प्रेम, पीला रंग खुशी ,नारंगी रंग पवित्रता, लाल रंग शक्ति ’ होली पर्व में इन रंगों के साथ स्वयं को रंग के सच्चे होली मनाएं साथ ही समझाया गया कि हम कहते हैं कि स्वयं पर अटेंशन नहीं दे पाते क्योंकि या तो हम व्यस्त होते हैं या फिर हमें स्वयं पर अटेंशन देना आता ही नहीं है किंतु जब बात टेंशन की हो तो स्वत ही हमारी दिनचर्या में आ जाता है इसलिए टेंशन को दूर करने के लिए स्वयं टेंशन देना सीखना है’। कार्यक्रम में प्रतीक्षा बहन शिवानी बहन और जया बहन द्वारा बहुत ही सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम दर्शाया गया, कार्यक्रम के अंत में सभी को भाई दूज का तिलक लगाते हुए मिठाई दी गई और ब्रह्मा भोजन कराया गया।