मप्र में शिक्षक भर्ती, ओबीसी कैंडिडेट्स ने मांगी जॉइनिंग



त्योहार पर घर छोड़ भोपाल में डाला डेरा, बोले- 2023 का चुनाव भुनाना चाह रही सरकार

भोपाल। मध्यप्रदेश में अन्य पिछ़ड़ा वर्ग  आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है। डइउ उम्मीदवारों के लिए 27% आरक्षण अभी भी काजगों तक ही सीमित है। शिक्षक भर्ती में 27% आरक्षण की मांग को लेकर उम्मीदवारों ने रंगपंचमी पर भी अपने घरों को छोड़कर भोपाल में डेरा डाल लिया है। ऐसे में डइउ आरक्षण को लेकर सियायत एक बार फिर तेज हो गई है।प्रदेश में चल रही शिक्षक भर्ती के लिए वेटिंग लिस्ट क्लियर होने लगी है, लेकिन इसमें डइउ वर्ग के उम्मीदवारों में से किसी को नियुक्ति पत्र नहीं मिला है। इस बात को उम्मीदवार भी दो टूक शब्दों में कह रहे हैं कि सरकार इसे 2023 के विधानसभा चुनाव में भुनाना चाहती है। इसलिए इस प्रक्रिया को जानबूझकर लंबा खींचा जा रहा है। सरकार चाहे तो डइउ उम्मीदवारों को प्रोविजनल नियुक्ति देकर एडजस्ट कर सकती है। लेकिन, ऐसा नहीं किया जा रहा है। उम्मीदवारों ने बताया कि वेटिंग क्लियर करते समय डइउ को छोड़कर सभी वर्गों के उम्मीदवारों को नियुक्ति दी गई। इसमें 14% आरक्षण भी नहीं दिया गया।उम्मीदवारों ने मंगलवार को इखढ प्रदेश कार्यालय के बाहर धरना दिया। एक दिन पहले कुछ उम्मीदवारों ने मुंडन कराकर विरोध दर्ज कराया। अब इनका कहना है कि जब तक उन्हें नियुक्ति नहीं मिलेगी, वे यहीं लोक शिक्षण संचालनालय के बाहर डटे रहेंगे।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षक अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। हर जगह गुहार लगा रहे हैं। लेकिन, शिवराज सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। सरकार से मांग करता हूं कि इन अभ्यथिर्यों को तत्काल नियुक्ति पत्र देकर इनकी मांग को पूरा किया जाए। हमारी सरकार द्वारा बढ़ाए गए आरक्षण का हक इनको भी मिले।