चीन में लॉकडाउन, यूरोप में भरे हॉस्पिटल; दुनिया में क्या शुरू हो चुकी है कोरोना की नई लहर



नई दिल्ली. क्या दुनिया में कोरोना वायरस महामारी की एक और लहर शुरू हो चुकी है? चीन और यूरोप से आ रही खबरें तो इसी ओर संकेत कर रही हैं. दरअसल, चीन में दो साल बाद कोरोना के रिकॉर्ड केस आए हैं. इसके बाद वहां के दो बड़े शहरों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है. यहीं यूरोपीय देशों से खबर है कि यहां एक बार फिर कोरोना जैसे लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.पिछले सप्ताह यूके, आयरलैंड, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड और इटली जैसे देशों में रिपोर्ट किए गए कोविड -19 मामलों और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजो में एक और उछाल देखा गया है. एरिक टोपोल, एमडी, स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के संस्थापक ने ट्वीट किया, 'यूरोप में अगली लहर शुरू हो गई है.Ó नए मरीजों का डेटा तो इसी तरफ इशारा कर रहा है. यूरोप में विभिन्न देशों ने करीब एक माह बाद नियमों में छूट दी थी और अब केस फिर बढ़ने लगे हैं. अमेरिका में भी ऐसा ही हुआ है. अब सवाल उठाया जा रहा है कि क्या छूट देने में जल्दबाजी भारी पड़ सकती है.

रविवार को चीन में 3,400 कोरोना मामले सामने आने के बाद हालात भयावह हो गए हैं. इस कारण वायरस के हॉटस्पॉट की जगहों पर लॉकडाउन लगाने की नौबत आ गई है. जिस चीन पर कोरोना को दुनियाभर में फैलाने का आरोप लगता रहा है, आज वह कोरोना की भीषण मार झेल रहा है. खबरों के मुताबिक, चीन ने शेन्झेन प्रांत के 1.7 करोड़ लोगों को लॉकडाउन में कैद कर लिया है. फरवरी में 87त्न आबादी को पहली डोज और 40त्न आबादी को दूसरी डोज देने का दावा करने वाला चीन पहली बार एक दिन में 1,000 से अधिक केस की सूचना दे रहा है.भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार (14 मार्च, 2022) को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,503 नए मामले दर्ज हुए हैं. इस दौरान 27 मौतें हुईं. इस तरह देश में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 5,15,877 हो गया है. एक्टिव केस की संख्या 36,168 हैं.देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर से लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है. देश दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर का असर अब कम हो गया है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक नए अध्‍ययन में यह बात सामने आई है कि ओमिक्रॉन के बाद अब एक नया वेरिएंट उभर रहा है. संगठन का दावा है कि यह डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट का मिलाजुला रूप है. ओमिक्रॉन और डेल्टा मिलकर एक नया वायरस बना रहे हैं. संगठन ने इस स्टडी के बारे में कहा कि इस नए काम्बिनेशन वाले वायरस को लेकर आशंका पहले से थी, क्योंकि ये दोनों काफी तेजी से फैल रहे थे.विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ओमिक्रॉन और डेल्टा का रिकाम्बिनेंट वायरस फैल रहा है. संगठन की साइंटिस्ट मारिया वान करखोव न ट्वीट किया है कि सार्सकोव12 के ओमिक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट के मिलकर फैलने की आशंका है. इनका प्रसार तेजी से हो सकता है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी जीनोम और प्रोफाइल के वायरस डेनमार्क और नीदरलैंड में भी पाए गए है. अध्ययन में कहा गया कि अभी इस मामले की जांच की जा रही है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह जांच किए जाने की जरूरत है कि नए काम्बिनेशन वाले सभी वायरस एक ही म्यूटेशन से निकले हैं या ऐसे रिकाम्बिनेशन के कई सारे मामले हुए हैं.