मप्र में पुरानी पेंशन लागू करने का कोई विचार नहीं: वित्त मंत्री



भोपाल। एक तरफ छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली का ऐलान कर कर्मचारियों को होली का तोहफा दिया है वही दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों को बड़ा झटका लगा है। शिवराज सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली से इंकार कर दिया है।आज बजट सत्र के दौरान वित्तमंत्री ने साफ कर दिया कि मध्य प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं होगी। हालांकि इस संशोधन के लिए विचार किया जा सकता है।आज बुधवार 9 मार्च को बजट पेश करते हुए मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा  ने कहा है कि प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू करने का कोई विचार नहीं। हालांकि वर्तमान में जो पेंशन लागू है, इसमें आगे कुछ संशोधन कर सकते हैं। वित्तमंत्री के इस बयान से लाखों कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार बजट सत्र में इसे बहाल कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।बता दे कि मध्य प्रदेश में पिछले कई दिनों से कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर मोर्चा खोला हुआ है।वही बीजेपी-कांग्रेस विधायकों ने भी इसका समर्थन किया था। हाल ही बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और अनिल जैन समेत कांग्रेस के 90 से ज्यादा विधायकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान  से पुरानी पेंशन बहाली को लेकर मांग की थी।इतना ही नहीं कर्मचारियों ने तो आंदोलन की चेतावनी भी दे दी थी, बावजूद इसके बहाल नहीं की गई।बीते दिनों कर्मचारियों ने 13 मार्च को बड़े आंदोलन की बात भी कही थी।तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के सचिव उमाशंकर तिवारी ने सरकार  से आग्रह किया है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू किया जाना चाहिए।कर्मचारियों कि मांग है कि 1 जनवरी 2005 या इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू हो। नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सिर्फ हर महीने 800 से डेढ़ हजार रुपए ही पेंशन मिल रही है। प्रदेश में दो लाख 87 हजार शिक्षक और 48 हजार स्थयीकर्मी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संघर्षरत हैं।