हमारे धैर्य की परीक्षा न ले प्रशासन:घनश्याम पाठक




कई मांगों को लेकर देवसर में विगत 2 मार्च से जारी है क्रमिक धरना प्रदर्शन

सिंगरौली। आजादी के 75 वर्षों बाद भी देवसर को न तो एक महिला डॉक्टर मिली नही  बाल्य रोग विशेषज्ञ और जिस सीएससी में कम से कम 6 से 7 डॉक्टरों की पदस्थापना होनी चाहिए वहां मात्र 2 डॉक्टर हैं वह भी संविदा के रूप में यानि आजादी के 75 वर्षों बाद भी देवसर को एक महिला व शिशु रोग का डॉक्टर नहीं मिल सका अब ऐसे में क्षेत्र के लोगों को कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है इससे खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है । उक्त बातें वरिष्ठ समाजसेवी व देवसर में 2 मार्च से क्रमिक अनशन पर बैठे घनश्याम पाठक ने कही । श्री पाठक ने धरना स्थल से आमजन को संबोधित करते हुए आगे कहा कि यदि सरकार व प्रशासन हमारी समस्याओं का निराकरण नहीं कर सकता तो हमारा पहले का देवसर जैसा था वैसा ही लौटा दे क्योंकि आज से दो दशक पूर्व विकसित देवसर था किंतु भाजपा व कांग्रेस की सरकारों ने राजनीतिक द्वेष की भावना से देवसर के साथ छल किया है और जो कुछ भी यहां था उसे छीन लिया गया चाहे वह लोक निर्माण विभाग व ग्रामीण यांत्रिकी विभाग तथा सिंचाई विभाग का संभागी कार्यालय की बात हो या अपर कलेक्टर कोर्ट व ट्रेजरी इत्यादि महत्वपूर्ण विभागों को यहां से छीन कर क्षेत्र की जनता के साथ कुठाराघात किया गया है तथा हम सभी अपने खोए हुए अस्तित्व को वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं किंतु सरकार एवं प्रशासन इस क्षेत्र की जनता के संघर्ष का तमाशा देख रही है । श्री पाठक ने कहा कि हमारे धैर्य की परीक्षा न ली जाए नहीं तो आगे चलकर यह आंदोलन उग्र रूप लेगा तथा घेराव चक्का जाम, एवं भूख हड़ताल के लिए हमें बाध्य होना पड़ेगा । आज 15 मार्च सोमवार को 13 दिन के अनशन में बद्री प्रसाद तिवारी एवं उमिर्ला प्रसाद द्विवेदी बैठे रहे। इस क्षेत्र के विकास व कई आवश्यक मांगों को लेकर जारी क्रमिक धरना प्रदर्शन में अपना प्रमुख योगदान देने वालों में रमापति शुक्ला ,दिनेंद्र द्विवेदी ,अधिवक्ता अनंन्त शुक्ला ,सुरेश द्विवेदी ,कालीचरण चतुर्वेदी, स्वरूप नारायण द्विवेदी ,दिलीप सिंह चौहान ,मगलेश्वर द्विवेदी,पडमुख प्रसाद पाठक,एड. इब्राहिम प्राणपति साहू, बीडी शर्मा ,सत्तार मोहम्मद, सरजू साकेत, राम शिरोमण साकेत,सहित सैकड़ों गणमान्य लोग शामिल हैं ।