अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: महिला सशक्तिकरण के लिए अदाणी फाउंडेशन की पहल





वैढ़न,सिंगरौली। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सरई तहसील अंतर्गत बासी बेरदाहा गांव स्थित शासकीय मध्य विद्यालय के मैदान में अदाणी फाउंडेशन द्वारा महिला सशक्तिकरण जागरूकता कार्यक्रम में करीब 100 ग्रामीण महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। बासी बेरदाहा गांव में आयोजित  इस कार्यक्रम के मौके पर कविता पाठ एवं विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से यह सन्देश देने की कोशिश की गयी कि महिलाएं अपने साथ साथ पूरे समाज को बदलने की ताकत रखती हैं, उन्हें जरूरत सिर्फ अपने आत्मबल को पहचानने की है।मंच का संचालन महिला बहुद्देशीय सहकारी समिति की श्रीमती सावित्री आर्मो ने किया जबकि अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेण्टर की श्रीमती प्रियंका सिंह ने वहां मौजूद ग्रामीण महिलाओं का आत्मबल बढ़ाने के उद्देश्य से अपने अनुभवों को बताते हुए कहा कि आज मैं अदाणी फाउंडेशन के सहयोग से एक सफल उद्यमी हूँ और परिश्रम के बदौलत आत्मनिर्भर हूँ एवं सिलाई-कढ़ाई की हुनर पा चुकी कई महिलाओं को रोजगार देने में मदद कर पाती हूँ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मझौली पाठ की सरपंच श्रीमती ललिता सेन मौजूद थीं जबकि श्रीमती पूर्णिमा पंडरी, आशा कार्यकर्ता श्रीमती सुखमंती पनिका और शासकीय मध्य विद्यालय, बासी बेरदाहा की शिक्षिका श्रीमती आरती शाह भी उपस्थित ग्रामीण महिलाओं का हौसला बढ़ाने के लिए मौजूद थीं।  महिला सशक्तिकरण को लेकर कविता पाठ किया गया। महिलाओं ने सशक्तिकरण और समाज पर अपने-अपने विचार रखे। इसके अलावा मुख्य रूप से दो खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। मटकी फोड़  प्रतियोगिता में 10 महिलाओं ने हिस्सा लिया जिसमें सरस्वती प्रथम विजेता बनीं जबकि श्रीमती सुनीता शर्मा दूसरे और श्रीमती किरण शर्मा तीसरे स्थान पर रहीं। कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता में हेमलता वर्मा, श्रीमती देवमती शाह और श्रीमती करिश्मा को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहीं। सभी विजेताओं को अदाणी फाउंडेशन के तरफ से पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं के  बीच यह सन्देश पहुँचाना है कि वह हर मामले में आत्मनिर्भर और स्वतंत्र हैं और पुरुषों के बराबर सब कुछ करने में समर्थ भी हैं। ग्रामीणों ने अदाणी फाउंडेशन के इस कार्यक्रम का स्वागत करते हुए माना कि महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए अभी आगे मीलों लम्बा सफर तय करना है, जो दुर्गम एवं कठिन तो  है लेकिन महिलाओं ने यह साबित किया है कि वो जीवन के हर क्षेत्र में कार्य को करने में सक्षम हैं।