मप्र में पंचायत चुनाव का फैसला मई-जून में, एक महीने चलेगा वोटर लिस्ट का काम, फिर होगा प्रकाशन

   

भोपाल। मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के पेंच के बीच निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट पर काम करना शुरू कर दिया है, जो एक महीने तक चलेगा। इसके बाद वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि इस साल मई-जून में चुनाव को लेकर कोई फैसला हो सकता है। इसे लेकर राजनीतिक पाटिर्यां भी तैयारी में जुटी हैं। वोटर लिस्ट के अपडेशन का काम 16 मार्च से शुरू हो चुका है, जो 25 अप्रैल तक चलेगा। आखिरी दिन फोटोयुक्त वोटर लिस्ट ग्राम पंचायतों में लगाई जाएगी। इसके बाद चुनाव को लेकर फैसला हो सकता है।

पहले ही देर हो चुकी पंचायत चुनाव में: मध्यप्रदेश में गांव की सरकार चुनने में पहले ही देर हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को लेकर रोक लगा दी थी। शिवराज सरकार ने कांग्रेस सरकार के समय तय परिसीमन को ही अमान्य कर दिया था। फिर क्या था, राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रक्रिया के बीच जनवरी में चुनाव रद्द कर दिए थे। इसके बाद आयोग ने एक बार फिर परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए। इसके बाद सियासत गर्मा गई। सभी जिलों में परिसीमन पूरा हो चुका है। इसके बाद ही निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट पर काम करना शुरू किया।

परिसीमन से बने-बिगड़े समीकरण: पंचायतों के परिसीमन से गांव से राजनीति करने वालों के समीकरण बने और बिगड़े हैं। भोपाल की ही बात करें तो यहां पर ग्राम पंचायतों की संख्या 187 से बढ़कर 222 हो गई है। जिन्हें जिला पंचायत के 10 वार्डों में बांटा गया है। इसे लेकर आपत्तियां तक आ चुकी हैं। कुछ वार्ड ऐसे हैं, जिनमें आबादी के आंकड़े काफी ऊपर-नीचे हैं।