रक्षक बना भक्षक



एनसीएल की लाखों की संपत्ति की हेरोफेरी

काल चिंतन बीना संवाददाता की रिपोर्ट

वैढ़न,सिंगरौली। एनसीएल की बीना परियोजना आजकल सुर्खियों में है। जहां एनसीएल के सीएमडीकार्यसंस्कृति को पारदर्शी बनाने एवं सूचिता कायम रखने का प्रयास कर रहे हंै वहीं पर एनसीएल बीना परियोजना के सुरक्षा विभाग के अधिकारी प्रत्युश कुमार द्वारा कर्तव्यों में लापरवाही बरतने के कारण परियोजना की लाखों की संपत्ति कबाड़ियों तथा चोरों के हवाले हो गयी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनसीएल की बीना परियोजना के डम्पर सेक्शन से प्रतिदिन साढ़े तीन से लेकर पाँच हजार लीटर डीजल की चोरी हो रही है। इसके अतिरिक्त खदान में पड़े हुये कबाड़ को भी कबाड़ियों द्वारा हाथ साफ किया जा रहा है। जबकि बीना परियोजना में एनसीएल के अधिकारियों के तहत या एनसीएल की सिक्योरिटी के तहत प्राईवेट सिक्योरिटी तैनात की गयी है। परियोजना की खदान एवं अन्य क्षेत्रों में चप्पे-चप्पे पर प्राइवेट सिक्योरिटी के सुरक्षा गार्डों की तैनाती का भुगतान एनसीएल प्रबंधन दे रहा है। फिर भी महीने में लाखों रूपये की संपत्ति चोरों और उठायेगिरों के हाथों जाया हो रही है। इसका जिम्मेदार कौन है?

काल चिन्तन से एक मुलाकात के दौरान एनसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंधन निदेशक श्री भोला सिंह ने कहा था कि उत्पादन और निष्पादन के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर भी पूर्ण नियंत्रण किया जायेगा। किसी भी हालत में किसी दोषी को या किसी विवादित अधिकारी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होने यह भी कहा था कि कोल इंडिया के मापदण्डों के अनुसार स्थानांतरण पालिसी का भी पालन किया जायेगा। लेकिन बीना परियोजना में बैठे सुरक्षा अधिकारी श्री प्रत्युश कुमार को परियोजना में लगभग चार साल हो गये हंै लेकिन वे टस से मस नहीं हो रहे हैं। बताते चलें कि एनसीएल के मुख्य सुरक्षा अधिकारी श्री सिंह एक  कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार अधिकारी हैं। इस तरह की खबरों से उनकी क्षवि पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। सूत्रों की मानें तो एनसीएल मुख्यालय में बैठे एनसीएल के सुरक्षा विभाग के प्रमुख श्री जस्टर के मागदर्शन एवं निर्देशन पर भी प्रश्नवाचक चिन्ह लगाया जा रहा है।