फिर शुरू हुआ प्रतिबंधित मार्ग से कोल परिवहन





जयंत से माजन मोड़ होकर रात में बेखौफ गुजरते हैं कोल परिवहन वाहन, प्रशासन बेबस
काल ङ्क्षचतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। कुछ दिनों के ब्रेक के बाद एक बार फिर प्रतिबंधित जयंत माजन मोड़ मार्ग से बेखौफ कोल परिवहन प्रारंभ हो गया है। यह सब तब हो रहा है जब उक्त मार्ग से कोल परिवहन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। ऐसा भी नहीं कि जिम्मेदारों को इसकी जानकारी नहीं है। जब एसपी आफिस, यातायात थाना के सामने से हैवी वाहन रात में गुजरते हैं तब यह बात हजम नहीं होती कि उक्त कोल परिवहन दबी में हो रहा है। 
नियमों को दरकिनार कर हो रहे कोल परिवहन  से आये दिन सड़क दुर्घटनाएं तथा बढ़ते प्रदूषण को देखते हुये एनजीटी ने कोयला परिवहन को कुछ शर्तों के अधीन अनुमति प्रदान की थी जिसमें एक रूट निर्धारित किया गया था कि एनसीएल जयंत परियेाजना से जो कोयला निकलेगा वह मोरवा, गोरबी होते हुये गोंदवाली होकर परसौना होते हुये एस्सार पावर के लिए जायेगा परन्तु लम्बी दूरी होने की वजह से कोल परिवहन वाहनों के इंधन खर्च को बचाने के चक्कर में कोल ट्रांसपोर्टरों द्वारा शार्टकट रास्ता अपनाया जा रहा है। उक्त प्रतिबंधित मार्ग में सबसे पहले जयंत चौकी, नवानगर थाना और इसके बाद यातायात थाना आता है। इसके बावजूद प्रतिबंधित मार्ग से किस तरह कोल परिवहन होता है यह समझ से परे लगता है। कहने को तो पुलिस की गश्त पूरी रात चलती है। दावा यह किया जाता है कि यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता परन्तु खुलेआम रात के अंधेरे में प्रतिबंधित मार्ग से कोल परिवहन हो रहा है। 
सूत्र बताते हैं कि जयंत चौकी पुलिस, नवानगर थाना व यातायात थाना को उक्त कोल ट्रांसपोर्टरों द्वारा महीने में एक मोटी रकम दी जाती है जिसकी एवज में उन्हें इन थानों द्वारा खुली छूट दी जाती है कि वह प्रतिबंधित मार्ग से बेखौफ फर्राटा भरते हुये कोल परिवहन कर सकें। उक्त गोरखधंधे में पुलिस विभाग तो लिप्त है ही कोयले के इस काले कारनामें में कुछ पत्रकार भी संलिप्त बताये जाते हैं। प्रतिबंधित मार्ग से कोल परिवहन का नतीजा है कि अब उक्त मार्ग में कोयले की डस्ट चौबिसो घण्टे वातावरण को प्रदूषित कर रही है और यहां के रहवासी प्रदूषित हवा लेने को मजबूर हैं।