पैरेंट्स को बच्चों के लालन-पालन में आती है कई चुनौतियां



नई दिल्ली । पैरेंट्स को बच्चों के लालन-पालन में बहुत-सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। बच्चे की पढ़ाई-लिखाई से लेकर उसके संस्कारी बनाने तक की सारी जिम्मेदारी माता-पिता के कंधों पर होती है। इतना ही नहीं अपने बच्चे के साथ हेल्दी और स्ट्रांग रिलेशन बनाने के लिए भी पैरेंट्स को कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है।

हर माता-पिता अपने बच्चों में अच्छे गुणों का संचार करना चाहते हैं, इसके लिए वे काफी मेहनत भी करते हैं। उनकी जरूरतों को पूरा करने से लेकर सफल और जिम्मेदार व्यक्ति बनाने तक माता-पिता का पूरा हाथ होता है। हर बच्चे के पहले शिक्षक और रोल मॉडल भी उसके माता-पिता होते हैं। वह उन्हें अच्छी और बुरी बातों के बीच पहचान करना सिखाते हैं। लेकिन कुछ बातें ऐसी होती हैं, जो हर माता-पिता को अपने बच्चों को शुरू से सिखानी चाहिए क्योंकि पैरेंटिंग का ये तरीका उनके जीवन को सफल बनाता है और कभी पुराना नहीं होता। यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं, जो बच्चे के दयालु, स्मार्ट और सफल बनने में हमेशा काम आएंगे।परीक्षा में बच्चे को टॉप पर आने का दबाव डालने के बजाय उसे जीवन में सफलता कैसे पानी है यह सिखाएं। उन्हें करूणा और दयालुता का पाठ पढ़ाएं। कहने को तो कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से सफलता हासिल की जा सकती है, लेकिन इससे पहले उन्हें एक अच्छा और सच्चा व्यक्ति बनने की सीख दें। आप उन्हें बताएं कि जीवन में सफल होना ही काफी नहीं है, बल्कि दिल बड़ा रखना भी जरूरी है। पैरेंट्स को कभी अपने बच्चों को चिंताओं और शंकाओं को व्यक्त करने से नहीं रोकना चाहिए। सोचने की क्षमता होने से आपके बच्चे की किसी भी समस्या को हल करने की शक्ति बढ़ती है। इससे वे बहुत जल्दी समस्याओं का व्यवहारिक रूप से सामना करना सीख जाते हैं। किसी भी कठिन परीस्थिति में वे हिम्मत रखेंगे और खुद से समस्या का समाधान ढूंढ लेंगे।

आधुनिकता और व्यस्तता के चलते अक्सर बच्चे अपने परिवार से दूर हो जाते हैं लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। बच्चों को उनके फैमिली रूट और पुश्‍तैनी इतिहास के बारे में पता होना चाहिए। पहचान एक ऐसी चीज है, जो किसी व्यक्ति के अस्तित्व के बारे में बताती है इसलिए बच्चों को यह समझाने में उनकी मदद करनी चाहिए वे कौन हैं, उनका पारिवारिक इतिहास क्या है, वे किस जगह और वंश से ताल्लुक रखते हैं। एक सामाजिक व्यक्ति के तौर पर बच्चे को यह सभी बातें बताना बहुत जरूरी हैं।अगर आपको लगता है कि बच्चे को पैसों का मैनेजमेंट सिखाना जल्दबाजी है, तो आप पहले उन्हें पैसों का मूल्य सिखाएं। उन्हें बताएं कि बुद्धिमानी से खर्च करना क्यों जरूरी है। सरल सी भाषा में आपको उन्हें इंवेस्टमेंट का मतलब बताना चाहिए। जैसे-जैसे वे बड़े होंगे और चीजों को समझ पाएंगे, उन्हें शेयर बाजर के बारे में बताना शुरू करें। उन्हें सिखाएं कि वे इसके जरिए पैसों को कैसे बढ़ा सकते हैं। लेकिन इसके साथ ही उन्हें इसके जोखिम के बारे में भी बताएं।

शेयर बाजार जैसा टॉपिक थोड़ा बोरिंग लग सकता है, इसलिए अपने बातचीत को जरा रोचक बनाने की कोशिश करें। आप कितने भी अच्छे माता-पिता बनने की कोशिश क्यों न करते हों, फर्क इस बात से पड़ता है कि बच्चे के सामने आपकी क्या इमेज है। अगर आप दयालु हैं, तो आपका बच्चा दयालुता का मतलब सीखेगा और उसे अपनाएगा भी। अगर आप लोगों का अनादर करते हैं और सभ्यता से पेश नहीं आते, तो उन्हें लगेगा कि शायद असभ्य होना ही ठीक होता है। वह इसी व्यवहार को अपने जीवन में उतार लेगा।