इतनी घटी बसपा कि मायावती की बराबरी पर आ गए राजा भैया



लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तस्वीर पूरी तरह साफ हो गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुआई में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार बनने जा रही है तो समाजावादी पार्टी बेहतर प्रदर्शन के बावजूद सत्ता से काफी दूर रह गई। भाजपा और सपा की टक्कर में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पूरी तरह साफ हो गई है। 2017 के मुकाबले बसपा को 17 सीटों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। आलम यह है कि सीटों के मामले में मायावती की पार्टी राजा भैया की नई नवेली पार्टी जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के समकक्ष हो गई है।मायावती की पार्टी महज 1 सीट पर आगे चल रही है, जबकि जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के प्रमुख राजा भैया भी अपनी सीट से आगे चल रहे हैं। बसपा को पिछले चुनाव में 19 वोट मिले थे। वोट फीसदी के मामले में भी बसपा को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। पिछले चुनाव में पार्टी को 22.2 फीसदी वोट मिले थे। पार्टी वोट शेयर के मामले में दूसरे नबंर पर थी। सपा तीसरे नंबर की पार्टी थी। लेकिन इस बार बसपा को करीब 13 फीसदी वोट ही मिले हैं। बसपा के खराब प्रदर्शन का आलम यह है कि कांग्रेस से भी पिछड़ गई है। दशकों से यूपी की सत्ता से बाहर कांग्रेस के लिए इस बार महासचिव प्रियंका गांधी ने कड़ी मेहनत की है। कांग्रेस को भले ही पिछले चुनाव के मुकाबले कम सीटें मिली हैं, लेकिन तब वह सपा के साथ मिलकर लड़ी थी और इस बार अकेले दम पर बसपा से आगे दिख रही है।दोपहर 2 बजे तक आए रुझानों के मुताबिक, भाजपा 263 सीटों पर आगे है तो सपा गठबंधन को 135 सीटों पर जीत/बढ़त हासिल है। भाजपा की सीटें 2017 के मुकाबले घटी हैं, लेकिन पार्टी बहुमत के आंकड़े से काफी आगे है। 403 सीटों वाली यूपी विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 202 है।