कितनी असरदार है ZyCov-D की बिना निडिल वाली वैक्सीन, जानिए इससे जुड़े हर सवाल का जवाब



जायडस कैडिला ने कोरोना के बचाव के लिए सरकार को वैक्सीन की सप्लाई शुरू कर दी है। ZyCov-D निडिल फ्री वैक्सीन बताई जा रही है। मतलब यह कि इसे लगाने के बाद सुई के चुभने जैसा दर्द नहीं होगा। जानकारी के मुताबिक सरकार की ओर से इस वैक्सीन का एक करोड़ आर्डर दिया गया है, कहा जा रहा है कि यह वैक्सीन उन लोगों को लगेगी जिन्हें अब तक एक भी डोज़ नहीं लगी है। आइए विस्तार से जानते हैं क्या होती है निडिल फ्री वैक्सीन और इसे कैसे लगाया जाएगा।इस निडिल फ्री वैक्सीन को जेट इंजेक्ट से लगाया जाएगा। जानकारों के मुताबिक ये एक इंट्रा-डर्मल वैक्सीन के रूप में है इस वैक्सीन के लिए इंजेक्शन की जरूरत नहीं है। इंट्रा-डर्मल वैक्सीन होने के चलते इसमें मांसपेशियों में इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती। JyCov-D को जेट एप्लीकेटर या इंजेक्टर के माध्यम से लगाया जाएगा। मतलब इस वैक्सीन को हाई प्रेशर से लोगों की स्किन में इंजेक्ट किया जाएगा।इस वैक्सीन को लगवाने का सबसे बड़ा लाभ तो यही है कि इसे लगवाने पर दर्द कम होता है क्योंकि यह इंजेक्शन की तरह मसल्स के अंदर नहीं जाती। बस थोड़ा बहुत दबाव महसूस होता है। दूसरा लाभ यह है कि इससे बाकी वैक्सीन की तुलना में इंफेक्शन फैलने का खतरा भी कम होता है।

अभी तक दुनिया में जितनी भी वैक्सीन लगाई जा रही हैं उनकी या तो सिंगल डोज या तो डबल डोज़ ही लगाई जा रही है। लेकिन ZyCov-D पहली वैक्सीन है जिसकी तीन डोज लगाई जाएगी। इस वैक्सीन के 3 डोज़ 28-28 दिन के अंतराल पर लगाए जाएंगे। इस वैक्सीन की हर डोज की कीमत 265 रुपये होगी। इसके साथ ही निड्ल फ्री एप्लीकेटर के लिए 93 रुपये और देने होंगे।

ZyCov-D वैक्सीन को पूरी तरह भारत में तैयार किया गया है। बताया जा रहा है कि जायडस कैडिला ने 28000 वॉलिंटियर्स पर इसका टेस्ट किया है। टेस्ट में आए नतीजों के आधार पर कंपनी का दावा है कि ये वैक्सीन 66.60 प्रतिशत असरदार है। इस टेस्ट में 12 साल से 18 साल के बच्चे समेत सभी आयु वर्ग के लोग शामिल थे।

ZyCov-D डीएनए बेस्ड वैक्सीन है। इसे दुनिया भर में ज्यादा कारगर वैक्सीन प्लेटफार्म के रूप में देखा जाता है। आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि इंसान के शरीर में दो तरह के वायरस डीएनए और आरएनए के हमलों की बात होती है। कोरोना वायरस एक आरएनए वायरस है। जो कि एक सिंगल स्ट्रैंडेड वायरस होता है। जबकि डीएनए डबल स्ट्रैंडेड होता है और मानव कोशिकाओं के अंदर भी डीएनए होता है। डीएनए वैक्सीन वायरस को आरएनए से डीएनए में परिवर्तित करके इसकी एक कॉपी बनाती है। इससे वायरस डबल स्ट्रैंडेड बन जाता है और आखिरकार इसे डीएनए की शक्ल में डाला जाता है। ऐसा माना जाता है कि डीएनए वैक्सीन ज्यादा असरदार और कारगर साबित होती है।

इस वैक्सीन को अहमदाबाद की फॉर्मा कंपनी जायडस कैडिला के द्वारा तैयार किया गया है। कंपनी ने बुधवार से इसकी सप्लाई केंद्र सरकार को शुरू कर दी है। अभी यह वैक्सीन 7 राज्यों में लोगों को लगाई जाएगी। इनमें महाराष्ट्र, तमिल नाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब और झारखंड शामिल है।