WHO की चीफ साइंटिस्ट ने कही राहत की बात, बच्चों को नहीं है कोरोना से ज्यादा खतरा



देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर अब ढलान पर है। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि महामारी की स्थिति में सुधार हुआ है और कोरोना संक्रमण का प्रसार घटा है। वहीं कोरोना महामारी को लेकर एक रहात भरी बात विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक की तरफ से कही गई है। दावा किया जा रहा है कि कोरोना से बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं है। संक्रमण के डर से स्कूल बंद किए रखना भी गलत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन का ऐसा कहना है। उन्होंने कहा कि बच्चों को कोरोना से उतना खतरा नहीं है जितना स्कूलों के बंद होने की वजह से संज्ञानात्मक और सामाजिक विकास के अवरोध होने से है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि बच्चों को कोरोना से उतना खतरा नहीं है। डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ ने हमेशा से ही कहा है कि बंद करने के क्रम में स्कूल सबसे अंतिम में आए जाने चाहिए व खुलने के क्रम में सबसे पहले। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अभी कोई सबूत नहीं है जो बताते हो कि स्वस्थ बच्चों और किशोरों को अपने कोविड -19 टीकाकरण के पूरक के लिए बूस्टर शॉट्स की आवश्यकता है। स्वामीनाथन ने कहा कि बीते दो साल में संक्रमण के दौरान ये देखने को मिला है कि बच्चों को सबसे कम प्रभावित कर रहा है। अगर बच्चों को होता भी तो उन्हें ये ज्यादा बीमार नहीं करता है। इसलिए सावधानी बरतते हुए स्कूल खोले जा सकते हैं।