एमपी में ओबीसी आरक्षण पर सियासत: ओबीसी के नेता कमलनाथ का करेंगे सम्मान, सारंग बोले- उन्होंने आरक्षण में टंगड़ी अड़ाई



भोपाल। मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण लागू होने पर श्रेय लेने की राजनीति शुरू हो गई है। पिछड़ा वर्ग संगठन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का 15 फरवरी को सम्मान करेगा। इस पर रविवार को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने तंज करते हुए कहा कि आरक्षण में टगड़ी अड़ाने का काम कांग्रेस और कमलनाथ ने किया। सारंग ने कहा कि कांग्रेस और कमलनाथ ने कोर्ट में जाकर पूरे मामले को दिग्भ्रमित करने का काम किया। उन्होंने सरकार में रहते हुए यह व्यवस्था अपनाई कि ओबीसी आरक्षण लागू ना हो सके। यही कारण है क जब कोर्ट में मामला पहुंचा तो कांग्रेस सरकार के मंत्रियों और उनके वकील ने यह प्रयास कि यह मामला कोर्ट में अटका रहे। हमारी सरकार सभी वर्ग का संरक्षण देने की बात करती है। हमारी सरकार ने सभी को समुचित आधार पर आरक्षण देने की बात कही है। उसके साथ ही आरक्षित वर्ग के साथ ही सामान्य वर्ग को भी समुचित अवसर देंगे। समरसता के साथ समाज का निर्माण हो और सबका विकास हो यही अवधारणा है। कांग्रेस तो ओबीसी आरक्षण के मामले में एक्सप्रोज हो चुकी है। उनके नेताओं ने ही कोर्ट में जाकर याजिका लगाई, जिससे पंचायत चुनाव टल गए। 

कांग्रेस ने आरक्षण लागू किया: पिछड़ा वर्ग एवं एससी-एसटी संयुक्त मंच के संयोजक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि कांग्रेस ने चुनाव में अपने घोषणा पत्र में ओबीसी का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की बात कही थी। जिसे सरकार बनने के बाद लागू किया था। बीच में हाई कोर्ट में स्टे के कारण लागू नहीं हो सका है। अब वह ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू हो गया है। इसलिए पिछड़ा वर्ग की जनता 15 फरवरी को मानस भवन में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का सम्मान करेंगी।