ग्राहकों से कैरी बैग का पैसा वसूलने वालों को झटका, सख्त हुई एनसीडीआरसी, देना होगा जुर्माना



 नई दिल्ली. देश में पॉलिथीन के उपयोग पर रोक लगने के बाद से ही उपभोक्ताओं से कैरी बैग  के नाम पर अनावश्यक राशि की वसूली शुरू हो गई है. दुकानदार, विक्रेता या शॉपिंग मॉल वाले बिना बताये ही ग्राहकों के बिल में कैरी बैग का भी चार्ज जोड़ रहे हैं. ऐसे में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कैरी बैग की राशि बिना बताए बिल में जोड़ देने को अनफेयर ट्रेड प्रेक्टिस माना है. आयोग इसको लेकर अब सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. आयोग का मानना है कि उपभोक्ताओं के खरीद से विक्रेता या उत्पादक लाभ कमाते हैं इसलिए उनका दायित्व बनता है कि उपभोक्ताओं को सुविधा का ख्याल रखें.देश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें कैरी बैग के बदले में चार्ज वसूलने पर जुर्माना लगाया गया है. उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कैरी बैग का शुल्क लेने के लिए मुआवजे के तौर पर शिकायतकर्ता को मुआवजा भुगतान करने का आदेश दिया है. इस प्रैक्टिस को तुरंत प्रभाव से बंद करने को भी कहा जा रहा है. जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने माना कि अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस के लिए कंज्यूमर को एक विज्ञापन एजेंट के तौर पर आप इस्तेमाल नहीं कर सकते.

पिछले दिनों ही केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने प्लास्टिक के कचरे को कम करने और इस पर नियंत्रण करने के लिए प्लास्टिक निर्माता या उत्पादकों, प्लास्टिक पैकेजिंग का कचरा पैदा करने वाले ब्रांड्स की जवाबदेही को बढ़ाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. उत्पादकों की जिम्मेदारी को बढ़ाने वाले इन दिशा-निर्देश को सरकार ने तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा है. ये दिशानिर्देश सरकार के सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने की दिशा में उठाए गए कदमों का हिस्सा है.इसलिए अगर आप बाजार अथवा मॉल में खरीददारी करते हैं तो कैरी बैग को लेकर पहले से ही सूचना ले लें. साथ ही बिल भुगतान करते समय जांच जरूर लें कि कैरी बैग का तो चार्ज नहीं जोड़ा गया है. इसके साथ ही जीएसटी एवं अन्य टैक्स का भी जांच करें, क्योंकि एमआरपी के बाद किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगाया जा सकता है. साथ ही वस्तुओं के दरों में छूट का बिल से सही से मिलान कर लें.