परिसम्पतियों का माप एवं मूल्यांकन करने मुहेर पहुंची टीम का ग्रामीणों ने किया विरोध, टीम लौटी वापस
वैढ़न,सिंगरौली। एनसीएल के निगाही परियोजना द्वारा ग्राम मुहेर की अधिग्रहित की जा रही जमीन की भू अर्जन प्रक्रिया में  उस समय पेंच फंस गया जब 20 फरवरी को नियत तिथि पर ग्राम मुहेर की चल -अचल परिसम्पतियों का माप एवं मूल्यांकन करने पहुंची टीम को बैरंग  लौटना पड़ा। लामबंद ग्रामीणों ने  परिसम्पतियों के माप एवं मूल्यांकन करने गयी टीम से  भू विस्थापन के तहत दी जाने वाली सुविधाओं का विस्तृत  लिखित डिटेल मांग कर उन्हें  बंगले झांकने पर मजबूर कर दिया। एनसीएल द्वारा  5-5 सदस्यों की गठित 10 टीमें आज पूर्वान्ह मुहेर में  परिसम्पतियों का मूल्यांकन के लिए तो गयी लेकिन उनके पास विस्थापन से संबंधित मुहैया होने   वाली सुविधाओं का कोई डिटेल नही होने की वजह से वापस लौटना पड़ा।  मुहेर गांव के परिसम्पतियों के माप एवं मूल्यांकन का  कार्य  शुरू होने से पहले विवादों में पड़ गया। 
ग्राम मुहेर के निवासियों के अनुसार 20 फरवरी को  निर्धारित तिथि व समय के अनुसार आज एनसीएल द्वारा गठित 10 टीमें बस पर सवार होकर मुहेर गांव  पहुंची जहां पहले से ही प्रतीक्षारत ग्रामीण अपने चल-अचल सम्पतियों के  माप एवं मूल्यांकन का  कार्य शुरू करने से पहले मूल्यांकन  टीम से विस्थापन के तहत मिलने वाली सुविधाओं व अन्य  लाभो का लिखित डिटेल की मांग पर अड़ं गए। एनसीएल  की माप एवं मुल्यांकन टीम द्वारा ग्रामीणों को समझाने का बहुत प्रयास किया गया और  तकरीबन 3 घंटे तक ग्रामीणों व एनसीएल की उक्त  टीम के बीच  वार्तालाप हुआ लेकिन  कोई नतीजा नही निकला ,क्योंकि  ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। विस्थापन सुविधाओं के डिटेल सहित अन्य मांग को लेकर ग्रामीणों के विरोध की जानकारी एनसीएल के उच्च अधिकारियों तक पहुंचा जिसके  बाद आनन -  फानन में  एनसीएल के  जिम्मेदार अधिकारी मुहेर गांव  पहुंचे।  इनके द्वारा भी ग्रामीणों को समझाने का काफी प्रयास किया गया लेकिन इन्हें भी कोई सफलता नही मिली। मुहेर पहुंचे  एनसीएल के उच्च जिम्मेदार अधिकारियों ने ग्रामीणों से कहा कि उन्हें  हृष्टरु 2012 की  आर एंड आर पालिसी के तहत विस्थापन का समस्त  लाभ दिया जाएगा अत:  माप एवम मूल्यांकन का  कार्य शुरू करने दें,  लेकिन यहां भी ग्रामीण विस्थापन सुविधा की  लिखित डिटेल की मांग पर अड़े रहे। मुहेर के ग्रामीणों व एनसीएल के जिम्मेदार अधिकारियों के बीच  पूरे दिन तक चले वार्तालाप का कोई रिजल्ट नही निकला और अंतत: माप एवं मूल्यांकन  टीम दल को  ग्रामीणों को यह आश्वासन देकर वापस  जाना पड़ा कि वह  अगले  दो दिवस के अंदर विस्थापन सुविधाओ की विस्तृत  लिखित डिटेल लेकर आएंगे। 
सी बी एक्ट के तहत जो भी लाभ है वो  मिलेगा: डीएम
मुहेर में परिसम्पतियों का माप एवम मूल्यांकन गयी  टीम का विरोध व विस्थापित होने वाले ग्रमीणों को मिलने वाली विस्थापन सुविधाओ के सवाल पर सिंगरौली कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने कहा कि मुहेर में विस्थापन की पूरी कार्यवाही सी बी एक्ट के तहत हो रही है। एनसीएल इसे  अपने स्तर पर करता है जिला प्रशासन का  टेक्निकल व अन्य सपोर्ट करता है। मुहेर वासियों को सी बी एक्ट के तहत जो भी प्रावधान होंगे उसका उन्हें लाभ मिलेगा। प्रशासन का इसमें कोई रोल नही है एनसीएल स्वतंत्र है और एनसीएल की जो नीति है उसके तहत भू विस्थापन की कार्यवाही होगी।
मुहेर वासियो की ये है मांग
परिसम्पतियों का माप एवं मूल्यांकन करने पहुंची टीम से मुहेर वासियों ने साफ साफ शब्दों में अपनी मांग रखी है जिसमे-
1- मुहेर के सभी विस्थापितों को नौकरी , आवासीय प्लाट व समस्त विस्थापन लाभ।
2- एनसीएल के निगाही द्वारा  आवासीय प्लाट कहाँ दिया जा रहा है ,स्थान बताया जाए।
3- विस्थापन का लाभ कब तक मिलेगा।
4- परिसम्पतियों का किये जा रहे माप एवं  मूल्यांकन का प्रतिकर कितने दिन में मिलेगा।
5- शासकीय भूमि पर वर्षो से निवासरत परिवार एनसीएल में नौकरी की पात्रता रखते ग है की नहीं।
6- जिनके पास केवल 5 से 10 डिसमिल तक ही जमीन है उन्हें नौकरी मिलेगी या नहीं। क्योंकि पूर्व में 5 से 10 डिसमिल वाले परिवारों को नौकरी मिली है।
7- ऐसे भू स्वामी जिनकी जमीन व घर तो है पर वह रोजगार , नौकरी व अन्य वजह से कही और रहते हैं और  ऐसे भू स्वामियों को भी विस्थापित माना जाय।
