एमपी के सिवनी में भीमगढ़ बांध की दायीं मुख्य नहर फूटी, पानी में डूबे सैकड़ों एकड़ खेत, तबाह हो गई फसल



 जबलपुर/सिवनी. संजय सरोवर भीमगढ़ बांध की दायीं तट मुख्य नहर एक हिस्सा रविवार सुबह फूट जाने से मोहगांव (छुई) के पास करीब 200 एकड़ में लगी गेंहू व अन्य फसल तबाह हो गई.दर्जनों खेत पानी में डूब गए, जिससे गेहूं, सरसों सहित अन्य फसल पानी में बह गई. किसानों का आरोप है कि, सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते मुख्य नहर का हिस्सा फूटा है. बीते आठ दिनों से ज्यादा पानी छोड़े जाने के कारण ओवर फ्लो नहर का पानी खेतों में झलक रहा था.लगातार शिकायत के बावजूद नहर में पानी कम नहीं किया गया.इसके चलते 20 फरवरी की सुबह करीब 3 से 4 बजे के बीच मोहगांव के पास मुख्य नहर का बड़ा हिस्सा पानी के दबाव के चलते टूट गया और 60 से 70 किसानों के खेतों में पानी भर गया. बांध का गेट बंद करने पर नहर में पानी का जल स्तर कम हुआ, लेकिन रविवार दोपहर तक नहर से पानी बहकर खेतों तक पहुंचता रहा.अधिकारियों का कहना है कि रात तक नहर का पानी पूरी तरह बंद हो जाएगा, जिसके बाद सोमवार से मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा.प्रभावित किसान बब्लू राजपूत, सतेंद्र राजपूत, दिनेश ठाकुर, कैलाश ठाकुर, मिथलेश ठाकुर, राजेंद्र सिंह राजपूत इत्यादि ने बताया कि, पिछले आठ दिनों से नहर में क्षमता से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा था. इससे ओवर फ्लो हो रहा पानी किसानों के खेतों में पहुंच रहा था. इस मामले में बार-बार किसानों द्वारा सिंचाई विभाग के उपयंत्री सतनामी, सहायक यंत्री रामशरण शर्मा सहित अन्य अधिकारियों को अवगत कराकर नहर में पानी कम करने व मरम्मत कराने की मांग की थी.लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसका नतीजा हैं, कि रविवार को नहर फूटने से क्षेत्र के 50 से ज्यादा किसानों के खेतों में लगी फसल तबाह हो गई.किसानों ने बताया कि बीते माह 9 जनवरी को नहर ओवर फ्लो होने के कारण कुछ खेतों में पानी भर गया था, तब भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा मरम्मत कार्य कराने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन मरम्मत नहीं कराई गई.वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना हैं कि, जिस हिस्से की नहर फूटी हैं.वहां पर मशीनों से मरम्मत कार्य कराया जा रहा था. पूरी रफ्तार से शनिवार को पानी छोडऩे के बाद नहर में पानी की रफ्तार कम कर दी गई थी.इसके बाद रविवार अल सुबह नहर का एक हिस्सा अचानक फूट गया.