गेहूं खरीदने की तैयारियों में जुटी मध्य प्रदेश सरकार, रजिस्ट्रेशन और पेमेंट को लेकर बड़ा बदलाव



भोपाल. गेहूं की फसल आने में अब कुछ ही दिन का वक्त बचा है. ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इसकी खरीद के लिए तैयारियों में जुट गई है. देश भर में गेहूं की सरकारी खरीद के मामले में मध्य प्रदेश रबी मार्केटिंग सीजन 2020-21 के दौरान पहले और 2021-22 में दूसरे स्थान पर रहा था. ऐसे में इस बार भी सरकार इस मसले पर संजीदा है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने बताया कि आरएमएस 2022-23 में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद की प्रक्रिया को और अधिक सरल कर दिया गया है.
एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए सरकार ने पहले रजिस्ट्रेशन की शर्त रखी हुई है. अभी तक किसानों को रजिस्ट्रेशन के लिए खुद इसके केंद्रों पर जाना पड़ता था. लेकिन नई नीति में किसान खुद के मोबाईल, कंप्यूटर से घर बैठे या फिर कियोस्क पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे. इस संबंध में सभी कलेक्टरों को पत्र भेजकर प्रक्रिया से अवगत कराया गया है. प्रमुख सचिव किदवई ने बताया कि खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन की निशुल्क एवं सशुल्क दोनों ही व्यवस्था रखी गई है. निशुल्क व्यवस्था में किसान खुद के मोबाईल से निर्धारित लिंक पर, ग्राम एवं जनपद पंचायत, तहसील एवं सहकारी समिति के सुविधा केंद्रों पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.ऐसे किसान जो खुद यह काम नहीं कर सकते, वे कियोस्क के माध्यम से अधिकतम 50 रुपये का शुल्क देकर एमपी ऑनलाईन या कॉमन सर्विस सेंटर, लोकसेवा केंद्र अथवा निजी साइबर कैफे के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. इस व्यवस्था से अब उन्हें लंबी लाइनों में इंतजार नहीं करना होगा. सिकमी, बटाईदार एवं वन पट्टाधारी किसान केवल सहकारी समिति स्तर पर स्थित रजिस्ट्रेशन केंद्रों पर ही पंजीकरण करा सकेंगे.खरीद केंद्र पर जाकर फसल बेचने के लिए एसएमएस की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है. अभी तक किसान एसएमएस पर मिली तारीख पर ही अपनी फसल खरीद केंद्र पर बेच सकता था. जबकि नई व्यवस्था में निर्धारित पोर्टल से नजदीक के खरीद केंद्र, तारीख और समय स्लॉट का खुद चयन कर सकेंगे. स्लॉट का चयन खरीद शुरू होने की तारीख से एक सप्ताह पहले तक किया जा सकेगा.
नई व्यवस्था में किसानों को खरीदी गई फसल का भुगतान अब उनके आधार नंबर से लिंक खाते में सीधे होगा. इससे बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड त्रुटि से भुगतान में होने वाली असुविधा समाप्त हो जाएगी. किसान को अपने आधार नंबर से बैंक खाता और मोबाईल नंबर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखना होगा. किसान आधार रजिस्ट्रेशन केंद्र पर मोबाईल नंबर की एंट्री करा सकेंगे.रजिस्ट्रेशन कराने और फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा. वेरीफिकेशन आधार नंबर से लिंक मोबाईल नंबर पर मिली ओटीपी या बोयामीट्रिक डिवाईस से किया जा सकेगा. रजिस्ट्रेशन के लिए अनिवार्य होगा कि भू-अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा. किदवई ने बताया कि इन बदलावों संबंधी विस्तृत विवरण सभी कलेक्टर्स को पत्र के माध्यम से भेजे गए हैं. किसान अपने जिले के कलेक्टर कार्यालय से प्रक्रिया के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.