गलत दवाई से बच्च्ी का पैर खराब करने वाले झोलाछाप डाक्टर के विरूद्ध मामला दर्ज
काल चिंतन कार्यालय
वैढ़न,सिंगरौली। कलेक्टर की जनसुनवाई में ग्राम अमहरा निवासी अम्बिका प्रसाद बसोर ने आवेदन दिया था कि झोलाछाप चिकित्सक सुनील कुमार नाई के गलत ईलाज करने से बेटी का पैर खराब हो गया है। कलेक्टर ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए माड़ा उपखण्ड अधिकारी संपदा सर्राफ को संबंधित चिकित्सक के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया था। जहां एसडीएम माड़ा ने स्वयं आरोपी चिकित्सक के घर पहुंच डिग्रियां को खंगाला। नवभारत ने भी 16 फरवरी को उक्त खबर को प्रकाशित कर जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था।
तत्संबंध में माड़ा एसडीएम सम्पदा सर्राफ ने नवभारत को बताया कि अम्बिका प्रसाद बसोर के द्वारा जनसुनवाई में कलेक्टर राजीव रंजन मीना को आवेदन दिया गया था कि झोलाछाप चिकित्सक के गलत ईलाज के कारण आवेदक की पुत्री के पैर में समस्या उत्पन्न हो गयी है। कलेक्टर ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए उपखण्ड अधिकारी के यहां आवेदन भेजकर कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिये गये। जिसके तहत उपखण्ड अधिकारी ने तहसीलदार माड़ा व पुलिस के साथ झोलाछाप चिकित्सक सुनील कुमार नाई पिता पन्नालाल नाई निवासी झांझी टोला के आवास पर पहुंचीं। जहां चिकित्सक से डिग्री प्रस्तुत करने के लिए कहा। किन्तु उसके पास चिकित्सा संबंधी कोई डिग्रियां नहीं थीं। एसडीएम के अनुसार झोलाछाप चिकित्सक सुनील कुमार नाई के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 269 एवं म.प्र.राज्य आयुर्विज्ञान परिषद् एक्ट (1956 व 1958) की धारा 24 के तहत माड़ा थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी है। इस मौके पर राजस्व के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौजूद रही। इधर एसडीएम सम्पदा सर्राफ के इस कार्रवाई से झोलाछाप चिकित्सकों में हड़कम्प मच गया है।
बीमार बिटिया डीडीआरसी भवन में भर्ती : जानकारी के मुताबिक एसडीएम माड़ा ने आरोपी चिकित्सक के घर दबिश दीं। साथ ही फरियादी व उसके परिजनों तथा बीमार बिटिया को भी झोलाछाप चिकित्सक के पास पहचान के लिए ले गयी थीं। इस दौरान मासूम बिटिया के पैर की हालत देख एसडीएम ने उसे उपचार के लिए डीडीआरसी बैढऩ भेजकर उपचार के लिए भर्ती कराया है।