सीएम शिवराज का ऐलान, इंदौर में इस रंगपंचमी पर निकालें गेर; कोरोना की वजह से दो साल से लगी रोक हटी



भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सांवेर में बड़ी घोषणा की। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 'मेरी पॉलिसी मेरे हाथ के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण काफी कम हो गया है। आने वाले दिनों में महाशिवरात्रि का पर्व है। इसे खूब धूमधाम और उमंग के साथ मनाएं। होली और रंगपंचमी भी खूब खेलें, गेर निकालें और भरपूर आनंद लें। बता दें कि इंदौर में कोरोना के कारण दो साल से रंगपंचमी पर गेर नहीं निकल सकी थी।
होलकरों के समय से चल रही प्रथा: इंदौर के शासक होलकरों का महल राजबाड़ा होने की वजह से पूरा शहर यहां पर होली खेलने आता था। होलकरों के शासन के समय शहरवासी यहां पर आकर राजा-महाराजाओं की होली देखते थे। कुछ लोग यहां पर इनकी होली में भी शामिल होते थे। तभी से यहां पर होली खेलने का ट्रेंड चल पड़ा। उस वक्त ही यहां पर होली के बाद रंगपंचमी की गेर निकलनी शुरू हुई, जो समय के साथ बढ़ती गई। होली की यह गेर पूरे राजबाड़ा के आसपास परिक्रमा करके महल के सामने गुजरती थी। बाद में भी यही रिवाज चलता रहा और धीरे-धीरे पूरा शहर इस गेर में शामिल होने लगा।
ये समितियां निकालती हैं गेर: संगम कॉर्नर चल समारोह समिति: संगम कॉर्नर की परंपरागत सद्भावना गेर 64 साल से निकल रही है। इसमें वाटर केनन द्वारा पानी 200 फीट ऊपर से बरसाया जाता है।
टोरी कॉर्नर रंग पंचमी महोत्सव समिति: टोरी कॉर्नर की गेर 73 सालों ने निकल रही है। यात्रा टोरी कार्नर से शुरू होकर राजबाड़ा पहुंचेगी। वाटर केनन से 70 फीट की ऊंचाई तक रंग फेंका जाता है।
फाग यात्रा: हिंद रक्षक संगठन द्वारा रंगपंचमी पर राधाकृष्ण फाग यात्रा निकाली जाती है। 1998 से जारी यह यात्रा धार्मिक स्वरूप में ही निकलेगी। यात्रा में टेसू के फूलों से तैयार 1 हजार किलो सूखे हर्बल रंग का प्रयोग होगा।
माधव फाग यात्रा: माधव फाग यात्रा पिछले 15 सालों से निकाली जा रही है। यह यात्रा जबरन कॉलोनी से प्रारंभ होकर गाड़ी अड्डा, जवाहर मार्ग, पंढ़रीनाथ, हरसिद्धी पहुंचेगी।