एमपी: बालाघाट में करंट लगने से पिता-पुत्री की मौत, बिजली विभाग से की गई थी खंभे की शिकायत
बालाघाट. मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में बिजली के खंभे से करंट युक्त तार गिरने और उसकी चपेट में आने से 40 साल के व्यक्ति और उसकी नाबालिग बेटी की मौत हो गई. वारा सिवनी थाना प्रभारी कैलाश सोलंकी ने मंगलवार को बताया कि यह घटना सोमवार दोपहर जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर वारा सिवनी कस्बे में हुई. उन्होंने बताया कि अपने घर के आंगन में बैठे राजू टेकम और उसकी छह साल की बेटी पर चिंगारी निकलने के बाद बिजली का तार खंभे से टूट कर गिर गया जिससे दोनों की करंट लगने से मौत हो गई.उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिए गए है. इस बीच, मृतक के परिवार के कुछ सदस्यों ने कहा कि उन्होंने हादसे से पहले बिजली विभाग को खंभे से चिंगारी निकलने की शिकायत की थी. वहीं, मध्य प्रदेश पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कनिष्ठ अभियंता राहुल तूरकर ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद समस्या का समाधान किया गया था, लेकिन खंभे पर गिलहरियों की आवाजाही के कारण इंसुलेटर में खराबी आ गई. जिससे तार टूट कर गिर गया और यह हादसा हो गया. उन्होंने कहा कि सरकार के प्रावधान के अनुसार मृतक के परिवार को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
बिजली कंपनी की लापरवाही लोगों की जान पर भारी पड़ रही है. नौगांव में हल्लू कालोनी निवासी परशु प्रजापति अपने घर की छत का प्लास्टर कराते समय 11 हजार केवी हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई. इसी तरह नौगांव की हल्लू कालोनी में ही 6 महीने पहले देवीदीन अहिरवार भी इसी हाईटेंशन लाइन के करंट की चपेट में आ गया था, बाद में बमुश्किल उसकी जान बचाई जा सकी थी. तभी लोगों ने अपने घरों के ऊपर से निकली हाईटेंशन लाइन को हटाने के लिए बिजली कंपनी के कार्यालय में आवेदन दिया था, लेकिन कंपनी ने लाइन हटाने में ढाई लाख का खर्च आने का हवाला देकर चुप्पी साध रखी है.वहीं छतरपुर में तो हाईटेंशन लाइन के करंट के डर से लोग अपनी छतों पर जाने से भी डर रहे हैं. लोगों का कहना है सड़क पर आवागमन के दौरान या घरों की छतों पर काम करते समय बिजली के तारों के संपर्क में आकर अनहोनी का खतरा बराबर बना रहता है. कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है.