पदोन्नति में आरक्षण सहित विभिन्न मांगों को लेकर अजाक्स ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन




वैढ़न,सिंगरौली।  मप्र अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (अजाक्स) ने पदोन्नति में आरक्षण के समर्थन में रविवार को प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया है। पदोन्नति में आरक्षण का ड्रॉफ्ट लागू करने, बैकलॉग के सभी रिक्त पदों की पूर्ति करने और आउटसोर्सिंग प्रथा बंद करने सहित अन्य मांगों को लेकर अजाक्स प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ धरना प्रदर्शन कर रहा है। इस सिलसिले में सिंगरौली में भी अजाक्स के जिला अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह ने नेतृत्व ने अजाक्स के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बैढ़न में धरना प्रदर्शन किया है। यह धरना आज 11 बजे से जिला मुख्यालय पर प्रारंभ हुआ था।  इस मौके पर सिंगरौली अजाक्स के नेता अशोक सिंह पैग़ाम ने बताया कि पदोन्नति में आरक्षण का ड्रॉफ्ट लागू करने, बैकलॉग के सभी रिक्त पदों की पूर्ति व ठेका प्रथा बन्द करने की मांग को लेकर आज राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है। 

इस दौरान उन्होने कहा कि सीएम शिवराज द्वारा १२ जून २०१६ को घोषणा की गयी थी कि पदोन्नति में आरक्षण हर हाल में जारी रहेगा उसके लिए यदि नियम बनाना पड़े तो बनाया जायेगा। इस संबंध में ड्राफ्ट तैयार कराया गया और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णय दिया गया। निर्णय के अनुसार प्रतिनिधित्व का डाटा एक यूनिट केडर होना चाहिए। मप्र शासन द्वारा पूर्व से केडर, क्लाज एवं विभागवार डाटा कलेक्ट किया गया है जिसे शासन द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जिसे आधार पर नवीन पदोन्नति नियम बनाया गया है। उन्होने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं मप्र के स्पेशल कॉसिंल मनोज गोरकेला, से जो पदोन्नति नियम बनवाया गया है वह पूरी तरह सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व निर्णयों के अनुरूप है परन्तु सीएम सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारी के निर्देशन में जो पदोन्नति नियम बनाया गया है वह संविधान के विपरीत है एवं कुछ अधिकारियों द्वारा सीएम व मुख्य सचिव व मंत्री समूह को गुमराह किया गया है और नियम संविधान के विरूद्ध बनाये गये है। अजाक्स ने मांग किया है कि सीएम शिवराज द्वारा की गयी घोषणा का पालन कराने हेतु सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता मनोज गोरकेला द्वारा तैयार किया गया पदोन्नति नियम ड्राफ्ट को यथावत लागू कराकर सभी वर्गों को पदोन्नति देने हेतु आदेश जारी कराया जाये। इसके साथ ही संघ द्वारा यह भी मांग की गयी कि सीएम द्वारा १२ जून २०१६ को घोषणा की गयी थी कि नियमित नियुक्ति के अलावा संविदा एवं दूसरी तरह की सभी नियुक्तियों पर भी आरक्षण लागू रहेगा। परन्तु काफी समय बीत जाने बाद भी न तो आउटासोर्सिंग समाप्त हुआ और ना ही आरक्षण लागू हुआ। संघ ने मांग किया है कि ठेका पद्धति की प्रथा तत्काल बंद की जाये यदि यह संभव न हो तो आरक्षण का पालन सुनिश्चित कराने के लिए समुचित नियम/निर्देश जारी कराया जाये। साथ ही यह भी मांग की गयी कि शासन के अधीनस्थ विभिन्न विभागों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों के १०३४५८ बैकलॉग पद रिक्त हैं जिसपर तत्काल कार्यवाही करते हुये रिक्त पदों को भरा जाये।