क्रूड ऑइल 8 साल के रिकॉर्ड हाई पर, 5 राज्यों में चुनाव होते ही कंपनियां 15 रुपए तक बढ़ा सकती हैं पेट्रोल-डीजल के दाम



नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित 5 राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर बड़ा झटका लग सकता है. विधान सभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आने हैं इसके बाद पेट्रोल-डीजल महंगे हो सकते हैं, क्योंकि कच्चे तेल के दाम 8 साल के हाई लेवल पर जा पहुंचे हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 95 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं. इससे पहले 2014 में कच्चे तेल के दाम 95 डॉलर के पार गए थे.

100 डॉलर के पार जा सकता है कच्चा तेल: एक दिसंबर 2021 को कच्चे तेल का दाम 69 डॉलर प्रति बैरल था, जो अब 95 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच गया है. यानी ढ़ाई महीने के भीतर कच्चे तेल के दामों में 37त्न की तेजी आ चुकी है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक जल्द ही ये 100 डॉलर प्रति बैरल का आंकड़ा भी पार कर जाएगी.

मांग के हिसाब से आपूर्ति नहीं: टेक्सास की ऑइल कंपनी पायनियर नेचुरल रिसोर्सेज के स्कॉट शेफील्ड ने कहा- अगर पुतिन हमला करते हैं, तो कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर से 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं, लेकिन अगर बाइडेन ईरान पर से प्रतिबंध हटाते हैं, तो इनमें 10 डॉलर की गिरावट होगी. फिलहाल मार्केट में जितनी मांग है उतनी आपूर्ति नहीं है, इस वजह से यह तो तय है कि कीमतें 100 डॉलर के पार जाएंगी.

चुनाव आते ही लग जाता है पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर ब्रेक: एक्सपर्ट्स के अनुसार सरकार भले ही पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करने में अपनी भूमिका से इनकार करती हो, लेकिन बीते सालों में ऐसा देखा गया है कि चुनाव के दौरान सरकार जनता को खुश करने के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाती है. पिछले सालों का ट्रेंड बता रहा है कि चुनावी मौसम में जनता को पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों से राहत मिली है.