एमपी में हिंदी में एमबीबीएस: सारंग बोले जीएमसी से पायलेट प्रोजेक्ट होगा शुरू, प्रथम वर्ष के 3 विषयों को होगा हिंदी रूपांतरण
भोपाल
मंत्री सारंग ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुरूप कार्य-योजना बनाकर विधिवत रूप से कार्य शुरू कर दिया है। इसी सत्र से विद्यार्थियों को यह सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिन्दी में पढ़ाई का मतलब समानांतर रूप से हिन्दी माध्यम से पढ़े छात्रों को सहायता के तौर पर यह व्यवस्था की जा रही है। अंग्रेजी के साथ हिन्दी की किताबें भी उपलब्ध कराने की तैयारी है। सारंग ने बताया कि हिन्दी प्रकोष्ठ का विधिवत गठन कर सुव्यवस्थित पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इसमें अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल हैं।
व्यवहारिक पक्ष को ध्यान में रखकर किताबों का रूपांतरण
सारंग ने कहा कि गांधी मेडिकल कॉलेज से इसकी शुरुआत होगी। नवाचार के रूप में प्रथम वर्ष के 3 विषयों की किताबों का रूपांतरण व्यवहारिक पक्ष को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देवनागरी का उपयोग कर विद्यार्थियों को टूल और प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मातृ भाषा की पढ़ाई जल्द और ज्यादा समझ में आती है। फ्रांस, जर्मन, जापान और चाइना अपनी भाषा में पढ़ाई कराते हैं।
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फैकल्टी भी हिन्दी के सहायक शब्दों का करेगी उपयोग
सारंग ने बताया कि किताबों का वाल्यूम क्रमबद्ध होगा। सब वाल्यूम बनाकर अप्रैल-मई में पाठ्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। कॉपीराइट का भी समुचित अध्ययन किया जा रहा है। इसका पालन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी को भी हिन्दी में विद्यार्थियों को समझाते हुए क्लासेस लेने के निर्देश दिए गए हैं। तीन विषयों के लिए तीन वार-रूम बनाए जा रहे हैं। भोपाल में एनाटॉमी और बायो-केमेस्ट्री तथा इंदौर में फिजियोलॉजी का वार-रूम तैयार किया जायेगा। इसमें विषय के रूपांतरण के सत्यापन की जांच होगी।
ऑडियो-वीडियो के माध्यम से भी होगी हिन्दी में पढ़ाई
मंत्री ने बताया कि विद्यार्थियों की सुविधा के लिये हिन्दी लेक्चर के ऑडियो-वीडियो बनाकर यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जिसने इस नवाचार की शुरुआत की और आगे भी लागू करने में मध्य प्रदेश अग्रणी रहेगा।