कोयला तस्करी मामले में 2 फरार आरोपियों को बरगवां पुलिस ने किया गिरफ्तार



 14 फरवरी को तस्करी के खेल में लगे 2 लोगों समेत 30 टन कोयले को किया था जप्त
सिंगरौली। बीते सोमवार को बरगवां पुलिस ने कोयले तस्करी में लिप्त 2 लोगों को 30 टन कोयले के साथ गिरफ्तार कर अपराध पंजीबद्ध किया था। इस दौरान पुलिस ने बताया था कि इसमें लिप्त अन्य लोगों की भी विवेचना जारी है। तभी से यह कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही कोयले के काले कारोबार में लिप्त अन्य लोगों पर पुलिस की गाज गिर सकती है। और सप्ताह भर के भीतर बरगवां पुलिस ने इस मामले से जुड़े 2 और लोगों की गिरफ्तारी कर ली है।

जानकारी अनुसार बीते 13 फरवरी को मुखबिर की सूचना पर कोयला तस्करी के आरोप में ट्रेलर क्रमांक सीजी 10आर 1667 में लोड 30 टन कोयला वाहन सहित जप्त कर अपराध क्रमांक 98/22 धारा 379, 414 ताहि, 4/21 खान खनिज अधिनियम एवं अवैध खनन परिवहन भंडारण निवारण अधिनियम 2006 कायम कर चालक रजनीश कुमार पटेल निवासी बंधी थाना बदेरा जिला सतना एवं वाहन मालिक के बड़े भाई महेंद्र पटेल निवासी रैगवा थाना अमदरा जिला सतना को वाहन के मालिक के हैसियत से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था।

 पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र सिंह के निर्देशन एवं एसडीओपी राजीव पाठक के मार्गदर्शन में इस मामले की अग्रिम विवेचना में लगे बरगवां निरीक्षक आर पी सिंह को यह जानकारी हाथ लगी की उक्त ट्रेलर एनसीएल की जयंत खदान से कोयला लोड कर मोरवा साइडिंग में महावीर जैन कोल रेलवे साइडिंग हेतु रवाना हुआ था। परंतु वहां कोयले को खाली न करके बहरी सीधी की ओर ले जाया जा रहा था। कोल साइडिंग के कर्मचारियों द्वारा उक्त वाहन की फर्जी एंट्री रजिस्टर में दर्ज करा दी गई थी तथा वाहन को कोल साइडिंग मोरवा में खाली होना बताया गया था। जो उक्त संबंध में कोल साइडिंग 2 कर्मचारी राजाराम कोल एवं चंद्रशेखर कहार से रजिस्टर एवं वाहन खाली करने की कूट रचित पर्ची जप्त कर प्रकरण में धारा 420, 467, 468, 471 ताहि बढ़ाई गई है। तथा उक्त दोनों आरोपियों राजाराम कोल पिता भुआर प्रसाद कोल उम्र 47 वर्ष निवासी सजवानी थाना अमिलिया जिला सीधी हाल मोरवा एवं चंद्रशेखर कहार पिता रामभजन कहार उम्र 21 वर्ष साकिन करेला थाना मोरवा को गिरफ्तार कर पुलिस अभिरक्षा में न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामले में बिचौलिए की तलाश अभी भी जारी है। जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि उक्त आरोपी के मिलने पर काले सोने के अवैध कार्य में लगे कुछ अन्य लोगों के नामों का भी खुलासा हो सकता है।

उक्त कार्रवाई में निरीक्षक आरपी सिंह के साथ सहायक उपनिरीक्षक अनिल मिश्रा, प्रधान आरक्षक नरेंद्र यादव, आरक्षक विवेक सिंह का सराहनीय योगदान रहा।