बालिका शिक्षा के उत्कृष्ट कार्य के लिए एजुकेट गर्ल्स के अम्बिकेश मिश्रा को चुना 'देश की टीम बालिकाÓ पुरस्कार के लिए




एजुकेट गर्ल्स संस्था के 14वें स्थापना दिवस समारोह में अम्बिकेश मिश्रा को मिला 'देश की टीम बालिकाÓ सम्मान 

काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली।  बालिका शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही संस्था एजुकेट गर्ल्स ने 17 दिसंबर को अपना 14वां स्थापना दिवस ऑनलाइन समारोह बहुत ही धूमधाम से मनाया। इस ऑनलाइन समारोह में संस्था के स्वयंसेवको, कार्मिकों सरकारी अधिकारी तथा डोनर्स ने जुड़ कर समारोह को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया । समारोह में 3,900 से भी अधिक लोगों ने ऑनलाइन और 9,000+ लोगों ने जिला स्तर पर हिस्सा लिया। हम सभी की लिए वर्ष 2021 काफी चुनौतियों भरा रहा। कोरोना महामारी से लोगों के रोजगार, स्वास्थ्य और स्कूली बच्चों की शिक्षा पर व्यापक असर पड़ा है।  इन हालातों के बाद भी संस्था के ऐसे कई स्वयंसेवक है जिन्होनें गांवों में बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने के लिए महत्वपूर्ण सहयोग किया है। अम्बिकेश मिश्रा उनमे से एक हैं। इस समारोह में अम्बिकेश को देश की टीम बालिका के रूप में चुना गया। पिता से मिली शिक्षा और संस्कार ने अम्बिकेश के मन में समाज सेवा का बीज बोया। जिससे प्रेरित होकर 2021 में अम्बिकेश एजुकेट गर्ल्स संस्था के साथ टीम बालिका (स्वयंसेवक) के रूप में जुडकर गाँव के बच्चों की शिक्षा के लिए कार्य करने लगे।

अम्बिकेश ने शिक्षा के साथ विभिन्न सामाजिक कार्यो में अपना सराहनीय योगदान भी दिया है। कोविड-19 महामारी में ग्राम - दादर, मझौली में समुदाय को जागरूक और टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित किया। एजुकेट गर्ल्स द्वारा कोविड महामारी से प्रभावित जरूरत मंद लोगों को खाद्य सामग्री किट का वितरण किया गया ।  इस कार्य में अंबिकेश ने जरूरत मंद परिवार की पहचान कर उन तक राशन किट पहुंचाए ।  जिसके लिए उन्हें "कोरोना वोलेंटिएर के रूप में मुख्यमंत्री के द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया। संस्था द्वारा समुदाय आधारीत कैंप विद्या संचालित करने का प्रशिक्षण भी इन्होने लिया और अपने गांव में नियमित रूप से कैंप विद्या को चलाया। कैंप में वो गणित और हिन्दी विषय को खेल गतिविधियों के द्वारा बच्चों को सिखाते थे, उनके कैंप में 14 बच्चे नियमित रूप से पढ़ते रहे, जिनमें 11 बालिकाएँ और 3 बालक शामिल हैं। कैंप के लिए गांव में सही स्थान नहीं मिलने के कारण उन्होंने अपने घर के प्रांगण में ही कैंप विद्या का संचालन किया।  अभी अम्बिकेश मिश्रा संस्था के पायलट प्रोजेक्ट कैंप विद्या लेवेल - 2 में पायलट कैंप भी संचालित कर रहे हैं।  

एजुकेट गर्ल्स के रीजनल मैनेजर श्री नितीन कुमार झा ने बताया । अम्बिकेश ने बहुत ही कम समय में अपने गाँव में बालिका शिक्षा को एक नई दिशा दी है।  कोरोना महामारी के समय लोगों की सुरक्षा, वैक्सीनेशन के लिए लोगों को जागरूक करना और कैंप विद्या का कुशल संचालन से इन्होने अपनी  एक अलग पहचान बनाई है। 

अम्बिकेश के ये प्रयास शिक्षा में लैंगिक असमानता को कम करने में महत्वपूर्ण सहयोग दे रहे है । अब गाँव के लोग सकारात्मक सोच के साथ बालिका शिक्षा के लिए आगे आ रहे हैं। अम्बिकेश के कार्य से प्रभाविक अन्य युवा संस्था के बालिका शिक्षा कार्य से जुड़ रहे है।  एजुकेट गर्ल्स संस्था सभी टीम बालिका के जमिनी स्तर के कार्य को बधाई देती है । 

 एजुकेट गर्ल्स एक ग़ैर-लाभकारी संस्था है जो भारत के ग्रामीण और शैक्षिक रूप से पिछड़े इलाकों में बालिकाओं की शिक्षा के लिए समुदायों को प्रेरित करता है। सरकार के साथ साझेदारी में काम करते हुए एजुकेट गर्ल्स वर्तमान में राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 21,000 से अधिक गांवों में सफलतापूर्वक कार्यरत है। सामुदायिक स्वयंसेवकों की बड़ी संख्या को सहभागी बनाते हुए, एजुकेट गर्ल्स स्कूल से वंचित बालिकाओं की पहचान, नामांकन, और स्कूलों में ठहराव बनाए रखने और सभी बच्चों (दोनों - बालिकाओं और बालकों) के लिए साक्षरता और अंक गणितीय योग्यता में बुनियादी सुधार के लिए मदद करता है ।