छलका पर्रिकर के बेटे का दर्द: बोले- कठिन था भाजपा छोड़ना, निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला बदलने को तैयार, बशर्ते...



पणजी । गोवा के पूर्व सीएम व देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के पुत्र उत्पल पर्रिकर का दर्द आज जुबां पर आ ही गया। शनिवार को उन्होंने कहा कि भाजपा छोड़ने का फैसला करना उनके लिए कठिन फैसला था।पर्रिकर ने कहा कि यदि किसी अच्छे प्रत्याशी को पणजी सीट से भाजपा टिकट दे तो वह निर्दलीय प्रत्याशी बतौर चुनाव लड़ने का फैसला वापस ले सकते हैं। दिवंगत मनोहर पर्रिकर के पुत्र उत्पल पर्रिकर ने हाल ही में भाजपा छोड़ दी है और गोवा की पणजी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उन्हें भाजपा ने टिकट देने से इनकार कर दिया था, जबकि पणजी सीट उनके पिता की परंपरागत विधानसभा सीट रही है। स्व. मनोहर पर्रिकर ने दो दशक से ज्यादा समय तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। भाजपा द्वारा टिकट देने से इनकार करने के बाद उत्पल पर्रिकर ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वह 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में पणजी से निर्दलीय प्रत्याशी बतौर चुनाव लड़ने का एलान किया है। भाजपा ने पणजी सीट से मौजूदा विधायक एंटेनासियो मोनसेराटे को फिर मैदान में उतारा है। मोनसेराटे समेत 10 विधायकों ने जुलाई 2019 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली थी। पणजी के मौजूदा विधायक पर आपराधिक केस हैं, इनमें से एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का केस भी है। पीटीआई से चर्चा में उत्पल ने कहा,भाजपा हमेशा उनके दिल में है और वह पार्टी की आत्मा के लिए लड़ रहे हैं। पार्टी छोड़ने का फैसला उनके लिए आसान नहीं था। यह सबसे कठिन फैसला था। मुझे उम्मीद थी कि मुझे ऐसा फैसला नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ने की स्थिति से बचने की कोशिश कर रहे हैं। अगर पार्टी पणजी से किसी अच्छे उम्मीदवार को उतारती है तो मैं फैसला वापस लेने को तैयार हूं।