श्रीराम कथा के चौथे दिन श्री राम विवाह का हुआ संगीतमय पाठ



काल चिंतन संवाददाता,

चोपन/ सोनभद्र।  प्रीत नगर नर्बदेश्वर मंदिर में चल रहे श्री राम कथा के चौथे दिन व्यास श्री दिलीप कृष्णा भारद्वाज द्वारा आज श्री राम कथा में श्री राम विवाह की संगीतमय पाठ किया गया श्री व्यास दिलीप जी ने प्रवचन कहा कि पुराण के अनुसार ब्रह्म के रूप को धारण करने हेतु ज्ञान रूपी माता कौशल्या एवं पालन के लिए बेद रूपी राजा दशरथ को चयनित किया गया। परंतु शक्ति रूपी माता सीता को गर्भ के रूप में धारण करने हेतु कोई ना होने के कारण शक्ति को धारण करने हेतु माता पृथ्वी से निवेदन के उपरांत माता सीता का अवतार हुआ, जिनके पालन पोषण के लिए बिदेह राज जनक का चुनाव किया गया। पूजन के लिए धनुष को माता सीता द्वारा उठाकर साफ किए जाने के बाद जनक ने प्रतिज्ञा किया कि माता सीता का विवाह उसी के साथ संपन्न होगा जो धनुष को उठाकर प्रतंचा चढ़ायेगा । क्योंकि जनक  जानते थे कि भगवान शिव के धनुष को उठाने वाली शक्ति स्वरूपा सीता के रूप में है। अत: इस धनुष को वही तोड़ेगा जो परम ब्रम्ह श्री हरि नारायण का ब्रह्म रूपी अवतार होगा, जिससे शक्ति एवं ब्रह्मा का मिलन होगा। जनक के प्रण को पूर्ण करने के लिए गुरु की आज्ञा के अनुसार भगवान श्रीराम धनुष को तोड़ने गए। धनुष का भंजन कर माता सीता के साथ विवाह संपन्न हुआ इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष सुनील सिंह, विधानसभा प्रभारी अरविंद सिंह, विद्याशंकर पांण्डेय, धर्मेंद्र जायसवाल राजेश अग्रहरि मनोज सिंह तेजवंत पाण्डेय अमर शर्मा हंसराज शुक्ला रघुराई भारती बारामती देवी अरविंद दीनदयाल सहित आदि लोग बाग मौजूद रहे।