सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा सरकार तत्काल ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव कराये: कमलेश्वर



काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली। माननीय उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव के बारे में मध्य प्रदेश सरकार की ओर से दायर याचिका को समाप्त कर दिया है। माननीय उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि जब सरकार अध्यादेश वापस ले चुकी है जिसके माध्यम से चुनाव हो रहे थे तो अब यह याचिका शून्य है। इससे साफ स्पष्ट हो गया है कि पंचायत चुनाव को लेकर सारी समस्याओं की जड़ शिवराज सरकार की ओर से लाया गया अध्यादेश ही था। पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री कमलेश्वर पटेल ने आज जारी एक बयान में यह बात कही।

श्री पटेल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद यह साफ हो चुका है कि पंचायत चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर जो भी आरोप लगाए वे बेबुनियाद और झूठे थे। कांग्रेस पार्टी शुरू से ही शिवराज सरकार के अध्यादेश का विरोध कर रही थी और शुरू में ही स्पष्ट कर दिया था कि यह अध्यादेश असंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट है कि अगर यह संवैधानिक अध्यादेश ना लाया गया होता तो मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव समय पर पूरे हो जाते। श्री पटेल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह तत्काल रोटेशन परिसीमन और ओबीसी आरक्षण के साथ मध्य प्रदेश में चुनाव आयोजित कराए।उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश की जनता से इस तरह का असंवैधानिक अध्यादेश लाने के लिए माफी मांगनी चाहिए और पंचायत चुनाव में दावेदारी कर रहे सभी लोगों से भी माफी मांगने चाहिए जिन्होंने चुनाव की तैयारी में पैसा खर्च किया और बाद में चुनाव रद्द हो गए।