यूबीआई सरई में आरटीआई आवेदन को बनाया जा रहा मजाक,महीनों बीत जाने के बाद भी नहीं मिल रहा जवाब



काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली।  सूचना के अधिकार कानून के तहत जल्द एवं सत्य सूचना एवं जानकारियां उपलब्ध करवाई जाए इसके लिए एक तय समय-सीमा निश्चित की गई है। लेकिन इस निर्धारित समय-सीमा से नहीं मिल रहा है आरटीआई का जवाब या यूं कहें तो  कानून के मुताबिक समय से आरटीआई का जवाब नहीं मिलना साफतौर पर कानून का उलंघन के साथ साथ राज्य आयोग को चुनौती देना कहलाता है। दरअसल यह मामला यूबीआई बैंक ऑफ इंडिया शाखा सरई का है जहां इस शाखा में पदस्थ पदाधिकारी आरटीआई के आवेदन को मजाक बनाते हैं और जवाब भी देना नहीं समझते है, और नहीं  किसी भी प्रकार का आरटीआई आवेदन पत्र पर कोई रूचि लेते हैं। वहीं उधर सरकार ने सरकारी कामकाज में निष्पक्षता लाने के लिए इस कानून का ढिंढोरा पीट रही है और यही इधर इस यूबीआई बैंक ऑफ इंडिया शाखा सरई  में पदस्थ पदाधिकारियों के द्वारा आरटीआई आवेदन पत्र को मजाक बनाया जा रहा है। गौरतलब यह है कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा सरई में एक आवेदक छोटा प्रसाद जायसवाल पिता स्व रामबरन जायसवाल ग्राम अमहाटोला थाना सरई जिला सिंगरौली ने बीते दिनांक  23/12/2021 को सूचना के अधिकार कानून के तहत एक आवेदन दिया था कि स्वयं के खाते खोलते समय जो दस्तावेज जमा कराई गई थी उस समस्त दस्तावेज के साथ खाता खोलने के दिनांक से वर्तमान दिनांक तक हुए पत्राचार और लेन-देन से संबंधित दस्तावेज, स्टेटमेंट, केवाईसी एवं आन-लाइन ट्रांजेक्शन की सत्यापित प्रतिलिपि   चाहिए इतना ही नहीं साथ में बीते दिनांक 4/09/2021 को मेरे खाते में हुए बैंकिंग समय की विडियो फुटेज क्लीप चाहिए । जिसमें आरटीआई आवेदन दिए लगभग एक महीने पूरे हो चुके हैं लेकिन अभी तक यूबीआई बैंक ऑफ इंडिया से आरटीआई आवेदन पत्र का किसी भी प्रकार का कोई जवाब और नहीं फोन आया है। जबकि नियमानुसार मांगी गई सूचना उपलब्ध करवाने के लिए 30  दिनों का समय निश्चित किया गया है। फिर भी इस आवेदक को महिनों से चक्कर कटवा रहें हैं लेकिन अभी तक इसे अपने आवेदन पत्र का जवाब नहीं मिला है और दर-दर भटकने में मजबूर हो रहा है जिसमें आरटीआई आवेदक जायसवाल ने कलेक्टर से अपनी आरटीआई आवेदन पत्र की यूबीआई सरई से जवाब दिलवाने का गुहार लगा रहा है।