आप के मुख्यमंत्री उम्मीदवार होंगे भगवंत मान; बीकॉम की पढ़ाई बीच में छोड़ी, सांसद बनने बाद घट गई संपत्ति



नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने संगरूर के सांसद भगवंत मान सिंह को पंजाब में अपना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया है। पेशे से कॉमेडियन, एक्टर भगवंत मान सिंह ने 2011 में राजनीति में एंट्री की थी। इसके बाद वह संगरूर से दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। भगवंत मान 2014 और 2019 में आम आदमी पार्टी से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। मान को जुग्नू नाम से भी पुकारते हैं। वह एक प्रसिद्ध पंजाबी कॉमेडियन भी रह चुके हैं। मान ने मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा के साथ द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज नाम के टीवी शो में भी भाग लिया था। उनका जन्म 17 अक्टूबर 1973 को पंजाब के संगरूर जिले के सतोज गांव में हुआ था। उन्होंने पंजाब के संगरूर जिले के एस.यू.एस. सरकारी कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई बीच में छोड़ दी। उनकी शादी इंद्रप्रीत कौर से शादी हुई। सांसद बनने के एक साल बाद ही उनकी पत्नी अलग हो गईं। दोनों के दो बच्चे भी हैं, जो मां के साथ रहते हैं। एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में भगवंत मान ने अपने परिवार के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि जब तक वह कॉमेडियन थे, तब तक परिवार को खूब समय देते थे। 2014 में लोकसभा चुनाव लड़कर जीते। इसके बाद से वह पत्नी और बच्चों को ज्यादा समय नहीं दे पाते थे। जनता के बीच उनका ज्यादा वक्त गुजरता था। यही कारण है कि 2015 में उनकी पत्नी उनसे अलग हो गईं। अब पत्नी और बच्चे अमेरिका में रहते हैं। वह अकेले ही दिल्ली और अपने पंजाब स्थित घर में रहते हैं। मान कहते हैं, अब मेरे पंजाब के लोग ही मेरा परिवार हैं। 

2012 विधानसभा चुनाव के वक्त दिए हलफनामा में भगवंत मान सिंह ने अपनी संपत्ति 1.55 करोड़ बताई थी। 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान ये बढ़कर 1.99 करोड़ हो गई। तब मान सिंह ने 1.50 लाख कैश, 11.31 लाख बैंक डिपॉजिट, 41.25 लाख रुपये की दो गाड़ियों के बारे में बताया था। इसके अलावा तब उनके पास 17 लाख के गहने, 52 लाख की कीमत की खेती की जमीन, 69 लाख के करीब की व्यावसायिक भूमि, 2.25 करोड़ का रिहायशी घर था। 2019 लोकसभा चुनाव में उन्होंने जो हलफनामा दिया, उसके अनुसार भगवंत मान की संपत्ति में गिरावट हुई। तब उनके पास 25 हजार कैश, सात लाख बैंक डिपॉजिट, 20 लाख की गाड़ी, तीन लाख के गहने, 6.70 लाख का हाउस होल्ड और असहाला दिखाया। इसके अलावा कृषि भूमी भी कम हो गई। 2019 में 75 लाख की खेती की जमीन, 51 लाख की व्यवसायिक भूमि  दिखाया। रिहायसी जमीन का इसमें कोई जिक्र नहीं था।