तिनगुड़ी हत्याकाण्ड की उच्च्स्तरीय जांच की मांग को लेकर परिजनों का चल रहा धरना आश्वासन पर ८वें दिन हुआ समाप्त



सांसद सीधी, विधायक देवसर, कलेक्टर, एसपी की समझाइस तथा उच्चस्तरीय जांच कराये जाने के आश्वासन पर परिजनों ने किया धरना समाप्त

काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली। तिनगुड़ी हत्याकाण्ड की जांच से असंतुष्ट मृतक के परिजनों द्वारा उच्चस्तरीय जांच की मांग को लेकर पिछले आठ दिनों से कलेक्ट्रेट के सामने धरना किया जा रहा था। धरना कर रहे परिजनों से आज सीधी सिंगरौली सांसद श्रीमती रीती पाठक, विधायक देवसर सुभाष वर्मा, जिला कलेक्टर राजीव रंजन मीणा, एसपी वीरेन््रद सिंह ने आज परिजनों से मुलाकात की तथा उच्चस्तरीय जांच का आश्वासन दिया जिसपर परिजनों ने अपना धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया। धारनास्थल पर पहुंचे देवसर विधायक द्वारा कहा गया कि आईजी द्वारा एक उच्चस्तरीय टीम गठित की जायेगी जो घटना के हर ऐंगल की जांच करेगी। जांच में आगे जो भी अन्य दोषी पाये जायेंगे उन्हें जरूर सजा मिलेगी। 

गौरतलब हो कि पिछले माह ग्राम तिनगुड़ी निवासी अम्ब्रेश पिता रामबरन प्रजापति उम्र 28 वर्ष की तिनगुड़ी चौकी से चंद कदम दूर तकरीबन दो सौ मीटर पर स्थित दुकान में सोते समय हमलावरों ने धारदार हथियार से हमला करते हुए मौत की नींद सुलाते हुए फरार हो गये थे। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने दो सगे भाई आरोपियों को अम्ब्रेश की हत्या में शामिल होने का दावा करते हुए गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां  से आरोपियों को जेल भेज दिया है। इस दौरान पुलिस ने दावा किया था कि आरोपियों ने मृतक की मोबाइल सिम को आग के हवाले कर दिया था और उनके कब्जे से 29 हजार रूपये केश भी बरामद हुआ था। जबकि मृतक के परिजनों का आरोप था कि पुलिस जांच करने में व्यापक पैमाने पर हीला-हवाली व गोलमाल की है। पुलिस की विवेचना पर सवाल उठाते हुए परिजन कलेक्टोरेट के सामने आमरण अनशन शुरू कर दिया।  एसपी ने नवानगर टीआई रावेन्द्र द्विवेदी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है। जिसमें कल गुरूवार की देर शाम  उस वक्त नया मोड़ आ गया जब इसी गांव के एक युवक को पुलिस शिकंजे में लेकर हत्या के मामले में पूछताछ करने लगी। उसने जो खुलासा किया और उसके कब्जे से मृतक की मोबाइल सिम, पर्स, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस सहित करीब 18 हजार से अधिक कैश मिलने के बाद पुलिस की विवेचना के दावे की पोल खुल गयी। संदिग्ध आरोपी सुरेश साकेत पिता जनकलाल साकेत 21 वर्ष ने पुलिस व मृतक के नात रिश्तेदारों के समक्ष जो बयान दिया है वह सबको चौका दिया है। पुलिस सूत्र बताते हैं कि आरोपी सुरेश साकेत 1 जनवरी को तिनगुड़ी स्थित एक दुकान में मोबाइल का रिचार्ज कराने पहुंचा था। 100 व 50 की दोनों नोट में ब्लड के छीटे पड़े थे। पुलिस पैनी नजर रख रही थी और यहीं से पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे।पुलिस का दावा है कि अम्ब्रेश हत्याकाण्ड के तीसरे आरोपी के कब्जे से 18 हजार रूपये कैश,पर्स, आधार कार्ड,मोबाइल सिम व ड्राइविंग लाइसेंस मिला है इन दस्तावेजों को आरोपी सुरेश साकेत ने एक बांध के समीप स्थित दरार मेें डालते हुए छुपा दिया था। खूनी नोट से ही तीसरे हत्या के आरोपी का पता चला है। पुलिस 1 जनवरी से ही उक्त आरोपी पर नजर रखते हुए सायबर को सक्रिय कर दिया था। हालांकि इस दौरान उसने अपना मोबाइल बंद रखा था, लेकिन ट्रेकिंग के माध्यम से पकड़ लिया गया और उसने 14 हजार का नया मोबाइल भी खरीदा है। आमरण अनशन पर बैठे मृतक अम्ब्रेश के पिता रामबरन प्रजापति का कहना है कि मेरे पुत्र की हत्या में और कई लोग शामिल हैं। इसमें एक पूर्व मंत्री का सह है। जिनके इशारे पर मेरे पुत्र की निर्मम हत्या की गयी है। पुलिस शुरू से ही घटना स्थल से साक्ष्यों को मिटाने के लिए लगी थी और उसमें सफल रही। आमरण अनशनकारी रामबरन ने सवाल किया कि जिस वक्त मेरे पुत्र की हत्या के दो आरोपी पकड़े गये थे उस दौरान पुलिस का कहना था कि सिम व अन्य दस्तावेजों को आरोपी ने जला दिया है। अब आरोपी के कब्जे से आधार कार्ड वगैरह दस्तावेज कहां से मिले। कहीं न कहीं पुलिस की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है। निष्पक्ष जांच करने में पीछे हट रही थी। जिस धारदार हथियार से हत्या की गई हमे उसे नहीं दिखाया गया है पुलिस जो भी दावा करे वह संदिग्ध है।