लिफ्ट में चार दिनों तक फंसी रही महिला



नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल नीलरतन अस्पताल की लिफ्ट में एक महिला चार दिनों तक अटकी रहीं और किसी को भनक तक नहीं लगी. लिफ्ट में फंसे रहने दौरान महिला काफी चिल्लाई, लेकिन किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी. महिला ने तो अपने बचने की उम्मीद भी छोड़ दी थी. हालांकि इस घटना के बारे में अस्पताल प्रशासन को कोई भी जानकारी नहीं है. चार दिनों तक लिफ्ट में बंद रहने के समय में महिला के पास 300 मिलीलीटर पानी की बोतल ही एकमात्र सहारा था.बीते सोमवार को 60 वर्षीय आनोयारा बीबी एनआरएस अस्पताल के ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए आई थीं और उन्हें चौथी मंजिल पर जाना था. पांव में दर्द की वजह से उन्होंने लिफ्ट का इस्तेमाल करने की सोची. वहां पर एक बड़ी लिफ्ट थी और एक छोटी. महिला छोटी लिफ्ट पर चढ़ गई, लेकिन दूसरी मंजिल के पास ही लिफ्ट बंद हो गई और वह सोमवार से शुक्रवार यानी लगातार चार दिनों तक लिफ्ट में कैद होकर रह गईं या यूं कहें कि इन चार दिनों वे जीवन-मृत्यु की जंग लड़ती रहीं.

बांग्ला समाचार पत्र गणशक्ति में प्रकाशित खबर के मुताबिक, बादुडिय़ा के चंडीपुर गांव की वासिंदा आनोयारा बीबी ने बताया कि लिफ्ट में फंसने के बाद वह बहुत चिल्लाईं, लेकिन किसी ने भी उनकी आवाज नहीं सुनी. महिला ने कहा, मेरे पास एक पानी की बोतल और एक चूड़ा का पैकेट था. हर रोज थोड़ा-थोड़ा चूड़ा खाकर पानी पीती थी और सोचती थी कि कब कोई आकर दरवाजा खोलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

चार दिनों कर जब महिला घर नहीं पहुंची, तो परिवार वाले उसकी तलाश में निकले. वे अस्पताल पहुंचे, लेकिन वह नहीं मिली. फिर शुक्रवार को उसके एक परिचित अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें लिफ्ट से आ रही महिला की आवाज सुनाई दी. फिर क्या था, इसके तुरंत बाद दूसरे लोगों को बुलाया गया और महिला को वहां से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. हालांकि चार दिनों तक इतने अंधकार में रहने की वजह से महिला काफी डरी हुई थी. दूसरी ओर, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि उसे इस घटना के बारे में मालूम नहीं है.