लोकायुक्त टीम ने दस हजार की रिश्वत लेते हेड कांस्टेबल को दबोचा




कोल माइंस की गाड़ियों की इंट्री के लिए मांगी थी रकम, रीवा लोकायुक्त ने किया टे्रप

काल चिंतन कार्यालय

वैढ़न,सिंगरौली। रीवा लोकायुक्त पुलिस ने सिंगरौली जिले में दबिश देकर नवानगर थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक जानकी प्रसाद तिवारी को बेनकाब किया है। लोकायुक्त सूत्रों की मानें तो हेड कांस्टेबल 10 हजार की रिश्वत लेते हुए ट्रेप हुआ। दावा है आरोपी पुलिसकर्मी ने कोल माइंस की गाड़ियों की इंट्री के एवज में रकम मांगी थी। लेकिन बिना पैसे लिए ट्रांसपोर्टर को परेशान कर रहा था। ऐसे में थक हारकर ट्रांसपोर्टर रीवा लोकायुक्त एसपी के पास पहुंचा था। जहां आवेदन का सत्यापन कराने पर शिकायत सही पाई गई। ऐसे में मंगलवार की सुबह निगाही मोड़ के पास रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया है। अब लोकायुक्त की टीम आरोपी प्रधान आरक्षक को लेकर विश्राम गृह पहुंची है। जहां भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

निगाही मोड़ के पास लोकायुक्त की १२ सदस्यीय दल ने पकड़ा

लोकायुक्त एसपी ने बताया कि आरोपी पुलिसकर्मी ने ट्रांसपोटर को निगाही मोड़ पर बुलाया था। जिसकी जानकारी पहले ही ट्रांसपोर्टर ने लोकायुक्त को दे दी थी। ऐसे में 12 सदस्यीय दल सिविल कपड़े में खड़ा थस। जैसे ही ट्रांसपोर्टर ने 15000 रुपए दिए और आरोपी प्रधान आरक्षक ने जेब में पैसे रखे। तभी इशारा समझते ही लोकायुक्त ने धर दबोचा है।

ट्रांसपोर्टर उमाशंकर दुबे की शिकायत पर हुयी कार्यवाही

रीवा लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि मंगलवार की सुबह जानकी प्रसाद तिवारी प्रधान आरक्षक 85 थाना नवानगर जिला सिंगरौली को 10 हजार की रकम के साथ पकड़ा गया है। उसके खिलाफ शिकायतकर्ता एवं ट्रांसपोर्टर उमाशंकर दुबे ग्राम कचनी जिला सिंगरौली कुछ दिन पहले रीवा ​कार्यालय पहुंचकर शिकायती ​आवेदन ​दिया था। ट्रांसपोटर का आरोप था कि कोल माइंस की गाड़ियों की इंट्री के एवज में प्रतिमाह 15000 की मांग की गई थी। महीना न देने पर चालक से लेकर पूर स्टाफ को परेशान किया जा रहा थ। सत्यापन उपरांत शिकायत सही पाई गई। ऐसे में ट्रैपिंग के लिए डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार के मार्गदर्शन में निरीक्षक जियाउल हक के नेतृत्व वाली 12 सदस्यीय टीम भेजी थी।