मध्य प्रदेश में 6 महीने बाद पहली बार 300 से ज्यादा केस,ओमिक्रान व डेल्टा दोनों की संख्या में हो रही बढ़ोत्तरी



भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के दो घातक वैरिएंट की जोड़ी ने दहशत पैदा कर दी है। छह महीने बाद 24 घंटे में पहली बार 300 से ज्यादा कोविड संक्रमित मिले हैं। ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है तो डेल्टा वैरिएंट दूसरी लहर जैसा घातक बनता जा रहा है। 5 दिन में नए केस में 400त्न के उछाल ने सबको चौंका दिया है। उससे ज्यादा चौंकाने वाली यह है कि सरकार ने प्रदेश में टेस्ट बढ़ाने के बजाय घटाना शुरू कर दिए हैं। 2 जनवरी को 61797 टेस्ट हुए थे। तीन जनवरी को यह टेस्ट संख्या घटकर 58044 रह गई। जबकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 70 हजार टेस्ट के निर्देश दे चुके हैं।ग्वालियर में कलेक्टर ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है तो इंदौर कलेक्टर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार दिख रहे हैं। जनप्रतिनिधि भी अब उनके साथ आ गए हैं। इधर, भोपाल कलेक्टर ने भी अंतत: क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक बुला ली है। जबलपुर प्रशासन इस पर पहले ही मंथन कर चुका है। इन सबके बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अभी भी किसी तरह की पाबंदी के पक्ष में नहीं हैं। ऐसे में प्रशासन पसोपेश में है कि बिगड़ते हालात काबू कैसे करेंगे?

प्रदेश में केस की रफ्तार पांच दिन में चार गुनी हो गई है। 30 दिसंबर को 77 केस थे। 3 जनवरी को बढ़कर 308 हो गए। सबसे ज्यादा केस इंदौर में आए हैं। आधे से ज्यादा मरीज वहीं मिले हैं। इंदौर के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि यहां जो नए केस मिल रहे हैं, उसमें डेल्टा और ओमिक्रॉन ने 50-50त्न केस हैं। बता दें कि दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट की वजह से स्थिति बिगड़ी थी और संक्रमितों को अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा था। उन्हें आईसीयू की जरूरत पड़ी थी।इधर, कोरोना की रफ्तार जिस तेजी से बढ़ी है, उसके हिसाब से टेस्टिंग नहीं बढ़ाई गई। उल्टे घटती जा रही है। पांच दिन के आंकड़ों पर नजर डालें तो साढ़े तीन हजार सैंपल की जांच कम हुई है। 30 दिसंबर को 61 हजार 6 सौ 21 सैंपल की जांच हुई थी, जबकि 3 जनवरी को घटकर 58 हजार 44 हो गई है। यानी साढ़े तीन हजार से कम सैंपल जांचे गए हैं।